Indian Army On Vijay Diwas: "विजय दिवस" के 52वें वर्ष के उपलक्ष्य में समाहरोह का आयोजन किया गया. साल 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान का सम्मान करने के लिए, भारतीय सेना के कोणार्क मल्टी मॉडल अभियान के हिस्से के रूप में एक साइकिल अभियान चलाया गया. इसे ऐतिहासिक नारा बेट से 9 दिसंबर को कच्छ के रण क्षेत्र से कमांडर 31 इन्फैंट्री ब्रिगेड द्वारा रवाना किया गया. इस अभियान का उद्देश्य हमारे सैनिकों की शारीरिक सहनशक्ति को प्रदर्शित करना और भारतीय सशस्त्र बलों में एकता और सौहार्द की भावना पर जोर देना था. भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और बीएसएफ के कुल 24 साइकिल चालकों ने भाग लिया. रास्ते में साइकिल चालकों ने चिमलाल लक्ष्मी बाई पारीक हाई स्कूल, संतलपुर में अग्निवीर योजना पर प्रकाश डालने के साथ-साथ युवाओं को राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी भूमिका के महत्व पर प्रेरणा देने के लिए विभिन्न जागरूकता और प्रेरक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे.
साइकिल ग्रुप पहुंचा यूनेस्को धरोहर स्थल
इस दौरान युवाओं ने सेना के जवानों को उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया, युवाओं ने प्रसन्नतापूर्वक जवानों के विचारों को सुना. 10 दिसंबर 2023 को साइकिल चालक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल धोलावीरा पहुंचें, जो सबसे अच्छी तरह से संरक्षित शहरी बस्तियों में से एक है, जो अविश्वसनीय भारत को बढ़ावा देता है और भारत-पाक 1971 युद्ध के दौरान हमारे सशस्त्र बलों की वीरता का सम्मान भी करता है. स्थानीय जनता के साथ सद्भावना और बातचीत को बढ़ावा देने के लिए एक मंच तैयार किया गया है. वे विजय दिवस के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सामुदायिक बातचीत में भी शामिल होंगे .
बच्चों के लिए आयोजित की गई प्रतियोगितादूरदराज के गांवों में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और ऐतिहासिक स्थल पर खेलों के माध्यम से बच्चों में अनुशासन, टीम भावना और मजबूत मानसिकता विकसित करने के लिए प्रेरित किया. इस दौरान भारतीय सेना द्वारा स्कूली बच्चों के लिए एक खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. "विजय दिवस" की 52वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए तीनों सेनाओं और बीएसएफ के साइकिल चालकों ने नारा बेट से धोरोडो तक 256 किलोमीटर की दूरी तय की. दिन का समापन पूर्व सैनिकों को राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए सम्मानित करने के लिए आयोजित एक इंटरैक्टिव सत्र के साथ हुआ. देशभक्तिपूर्ण साइकिल यात्रा का समापन 11 दिसंबर 2023 को कच्छ के रण क्षेत्र के सुरम्य वातावरण में धोरोडो में होगा.
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