Ajmer Urs 2023: महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स में दो साल बाद पड़ोसी मुल्क से जत्था शिरकत करने आ रहा है. पाकिस्तान से 400 जायरीन दरगाह की जियारत में शामिल होंगे. पाक जायरीनों के जत्थे की खबर पर अजमेर प्रशासन, पुलिस महकमा और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गए हैं. प्रशासन ने सभी पाक जायरीनों के नाम सूचीबद्ध किए हैं. सूचना मिली है कि पाक जायरीनों का जत्था 23 या 24 जनवरी को अजमेर पहुंचेगा.


पाकिस्तान से आ रहा है जायरीनों का जत्था


जत्था के करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक अजमेर में ही रहने का कार्यक्रम प्रस्तावित है. बताया जा रहा है कि सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में पाक जत्थे के लिए आवास और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं. अजमेर उर्स (Ajmer Urs 2023) की विधिवत शुरुआत रजब महीने का चांद दिखाई देने पर 22 जनवरी की रात से होगी. इससे पहले भीलवाड़ा (Bhilwara) का गौरी परिवार दरगाह स्थित बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म निभाएगा. उर्स में दरगाह शरीफ (Dargah Sharif) आने वाले जायरीनों के लिए जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी ने माकूल बंदोबस्त किए हैं.


Rajasthan: पायलट की सभा से पहले गहलोत सरकार ने बंद कर दिया इंटरनेट? सोशल मीडिया पर समर्थकों ने उठाए सवाल


सुरक्षा में 2 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात


उर्स में 2 से 3 लाख जायरीन और 4 हजार से ज्यादा वाहन आने की उम्मीद जताई जा रही है. सुरक्षा के लिए 2 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. उर्स के दौरान कई देशों से ख्वाजा की मजार पर चादर लाई जाती है. पाकिस्तान से आने वाला जत्था भी चादर लेकर अजमेर पहुंचेगा. पाक जायरीन अजमेर दरगाह में मजार पर चादर चढ़ाकर सजदा करेंगे और मुल्क में अमन-चैन और आपसी भाईचारा कायम रखने की दुआ करेंगे. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य नेता भी चादर चढ़ाने के लिए भेजते हैं.


Jaipur International Airport ने बनाया नया रिकॉर्ड, वर्ल्ड में ऑन-टाइम परफॉर्मेंस रिव्यू में मिली 9वीं रैंक