Rajasthan Tourism: राजस्थान के उदयपुर की पहचान झीलों और पहाड़ों की खूबसूरती से है. झील में नाव का सफर रोमांच पैदा करता है. पर्यटकों के लिए बोटिंग आकर्षण का केंद्र होती है. लंबे समय से पेट्रोल डीजल मुक्त नावों की मांग चल रही थी. अब मांग बहुत जल्द पूरी होने वाली है. उदयपुर की झीलों में ईको फ्रेंडली नाव चलेगी. मुंबई से बोट उदयपुर मंगाकर ट्रायल किया जा चुका है. ईको फ्रेंडली बोट का आनंद जल्द पर्यटक ले सकेंगे. फतहसागर और पिछोला झील में पेट्रोल-डीजल से बोट का संचालन होता है.

 

झीलों को प्रदूषण से बचाने के लिए हाइकोर्ट ने सख्ती दिखाई थी. सख्ती के बाद उदयपुर नगर निगम ने सोलर और बैट्री से संचालित इको फ्रेंडली नाव चलाने का ठेका किया था. कम्पनी ने सोलर बोट मुंबई से मंगवा लिया है. 20 लोगों की क्षमता वाली 3 सोलर बोट का ट्रायल पिछोला झील में हो चुका है. अब पर्यटकों के लिए रूट जल्द निर्धारित कर दिया जायेगा. इसके अलावा झील में पेट्रोल-डीजल से चलने वाली नावों की संख्या भी कम की गई है. 18 नावों की जगह पर अब 15 चलेगी. 15 में से एक रेस्क्यू बोट और दो विशेष नावें होंगी.

 

उदयपुर में सोलर और बैटरी से चलेगी नाव

 

बता दें कि हाइकोर्ट ने जिला प्रशासन को 6 माह में झीलों से पेट्रोल-डीजल की नावों को बाहर निकालने का आदेश जारी किया था. हाईकोर्ट की सख्ती के बाद नगर निगम ने इको फ्रेंडली नाव संचालन का नया टेंडर निकाल दिया. लेकिन होटलों की ओर से संचालित नावों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. हालांकि ईको फ्रेंडली नावें उदयपुर में पहुंच चुकी है. नगर निगम के गैराज समिति अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि झीलों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए ईको फ्रेंडली नावों का संचालन किया जा रहा है. पहले फेज में 3 नावें आ चुकी हैं और अब 13 नावें के भी जल्द पहुंचने की उम्मीद है.