QR Code System for Udaipur Cleanliness: उदयपुर का पर्यटन और डेस्टिनेशन वेडिंग का दुनिया भर में नाम है, लेकिन सफाई व्यवस्था ने पिछड़ता जा रहा है. इसका उदाहरण वर्ष 2023 की आई रैंकिंग भी है. वर्ष 2022 में 122 रैंक थी जो फिसलकर वर्ष 2023 में 206 तक पहुंच गई. अब भी हालात में सुधार नहीं. इसी को लेकर उदयपुर का प्रशासन चिंता में है. यहां के डिविजनल कमिश्नर राजेंद्र भत्ता ने तो यह तक कहा कि शहर के विस्तार के साथ सफाई व्यवस्था बड़ी चुनौती है. 


उदयपुर विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों में प्रोपर सफाई नहीं हो पाने से आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पर्यटकों के बीच भी शहर की नकारात्मक छवि बनती है. ऐसे में इन समस्याओं से निपटने के लिए बड़े निर्णय लिए गए. 


दरअसल, उदयपुर में स्वच्छता और सफाई व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में उदयपुर की स्वच्छता में गिरी हुई रैंकिंग और सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर उदयपुर के उच्चाधिकारियों के बीच बैठक हुई. बैठक में कई सुझाव दिए गए. उदयपुर जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने लोगों ने स्वच्छता के प्रति जागरूक होने की अपील की. सफाई व्यवस्था के मोनिटरिंग सिस्टम को भी दुरूस्त करने के भी कहा.


यहां निर्देश और निर्णय लिए गए
- गीला और सूखा कचरा पृथक-पृथक संग्रहित करने की आदत विकसित करने के लिए प्रत्येक परिवार को हरे और नीले रंग के दो कचरा पात्र वितरित किए जाए.
- घर-घर कचरा संग्रहण के दौरान शत प्रतिशत गीला और सुखा कचरा अलग-अलग कंटेनर में संग्रहित किए जाने के निर्देश दिए.
- सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए क्यूआर कोड सिस्टम लागू हो.
- क्यूआर कोड के तहत कहीं पर भी सफाई ठीक से नहीं होना पाए जाने पर आमजन सीधे शिकायत कर सकेंगे.
- शिकायत की पुनरावृत्ति पर ठेकेदार पर जुर्माना लगाने का प्रावधान.
- घर-घर कचरा संग्रहण को लेकर की जा रही टेंडर प्रक्रिया को आचार संहिता के बाद पूर्ण कराकर कार्य प्रारंभ कराने.


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