Jaipur News: उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक उड़ाने की साजिश का खुलासा हो गया. इस प्रकरण में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से आरोपी नाराज था और रेलवे ट्रैक पुल बनाने के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी. जयपुर में मामले का खुलासा करते हुए एडीजी एटीएस एसओजी (ADG ATS SOG) अशोक राठौड़ ने मीडिया को जानकारी दी. मामले में धूलचंद, प्रकाश और विष्णु को गिरफ्तार किया है. 


उन्होंने बताया कि ट्रेन जाने के बाद तीनों ने पुल पर बारूद लगाया था. मामले के आरोपी जावर माइंस निवासी बताये जा रहे हैं. घटना के बाद सीएम के निर्देश परएडीजी एटीएस एसओजी ( ADG ATS SOG ) अशोक राठौड़ उदयपुर गए थे. राजस्थान ATS के इस खुलासे से सरकार ने राहत की सांस ली है.


मुआवजा नहीं  मिलने से थे नाराज
एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि वर्ष 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन रेलवे और हिंदुस्तान जिंक द्वारा अवाप्त की गई थी. जिसके लिए उसको मुआवजा या नौकरी नहीं मिली. इसके लिए यह लगातार कई साल से प्रयास कर रहा था. लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली तो गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया.


 ट्रेन जाने के बाद ट्रैक में विस्फोट किया
एडीजी ने बताया कि घटना के दिन प्रकाश ने बाइक चलाई. नाबालिग उसके साथ था. ट्रेन जाने के बाद दोनों ने ट्रैक पर बम नुमा बंडल को रखा और ऊपर ही रख कर आग लगा दी और भाग गए.


ये था मामला
उदयपुर से अहमदाबाद जाने वाली रेल लाइन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को लोकार्पण किया था. उसी लाइन पर शनिवार को उदयपुर से 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर बने ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर रात 10 बजे धमाके हुए थे. उस समय कुछ लोग रेलवे ब्रिज पर पहुंचे तो वहां पर पटरी कई जगह से टूटी हुई मिली थी. इतना ही नहीं रेलवे लाइन पर बारूद भी मिला था. नजारा ऐसा था कि पुल के नट-बोल्ट भी गायब थे. ट्रैक पर लोहे की चादर भी उखड़ी हुई थी. आतंकी घटना की आशंका को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत सक्रीय हो गए थे.


जिलेटिन से भरे 10 बोरे नदी के मिले थे
ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर हुए हादसे के बाद से पुलिस और सरकार एक्टिव थी. इस बीच में बुधवार को डूंगरपुर जिले के आसपुर में जिलेटिन से भरे 10 बोरे नदी के पास मिले थे. भबराना गांव में स्थित सोम नदी पर बने पुल के पास ग्रामीणों ने नदी में 10 बोरे पड़े देखे तो पुलिस को सूचना दी. पुलिस पहुंची और नदी से बोरों को बाहर निकाला था. जब बोरों को खोलकर देखा गया तो उसमें से जिलेटिन की छड़ें थीं. बताया जा रहा था कि यह जिलेटिन की छड़ें इतनी पावरफुल थी कि करीब 200 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र नष्ट कर देती.


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