Udaipur News: उदयपुर का महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Maharana Pratap University of Agriculture and Technology, Udaipur) हमेशा नयापन (Innovation) के लिए जाना जाता है. पिछले साल कोरोना काल में छात्रों का वर्चुअल इमेज बनाकर राज्यपाल से सम्मान पाया था. इस बार डिग्री में तकनीक के इस्तेमाल से विश्वविद्यालय की चर्चा हो रही है. विश्वविद्यालय ने बारकोड से लैस डिग्री बनाई है. बारकोड को स्कैन करते ही छात्रों का ऑनलाइन डेटा सामने आ जाएगा.

विश्वविद्यालय ने तकनीक से लैस तैयार की डिग्री 

दावा है कि इससे आए दिन हो रहे डिग्री के फर्जीवाड़े से भी निजात मिल जाएगी. 20 दिसंबर को विश्वविद्यालय के आयोजित दीक्षांत समारोह में 938 छात्रों को यह डिग्री दी जाएगी. कुलपति राठौड़ ने बताया कि आए दिन विश्वविद्यालय के सामने फर्जी डिग्री का मामला आता है. धोखेबाज विवि के नाम से ही डिग्री बना लेते हैं और कई दस्तावेज देखने के बाद स्थिति साफ होती है. इसको रोकने के लिए डिग्री प्रमाण पत्र उच्च कोटि का आसानी से न फटने वाला, वाटर प्रूफ और ए-4 साइज के कागज पर तैयार किया गया है.

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सिक्योरिटी फीचर्स शामिल

डिग्री में अनेक सिक्योरिटी फीचर्स भी शामिल किए गए हैं. हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषा में छपी डिग्री पर छात्र का रंगीन फोटो, क्यूआर कोड होगा. छात्रों का डेटा नेशनल डिपॉजिटरी में डाला जाएगा. इससे दो फायदे होंगे. पहला डिग्री गुम हो जाने पर यहां से डाटा प्राप्त हो जाएगा औैर दूसरा बार कोड स्कैन करते ही छात्र की पूरी डिटेल सामने आ जाएगी. कुलपति एनएस राठौड़ ने विश्वविद्यालय को 2.50 लाख रुपए दिए. उन्होंने हर साल इंजीनियरिंग के टॉपर छात्र को अपने पिता के नाम से फूल सिंह राठौड़ मेमोरियल स्वर्ण पदक देने का एलान किया. उन्होंने कहा कि 2.50 लाख रुपए पर मिलनेवाले ब्याज से हर साल स्वर्ण पदक मिलेगा.

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