Jodhpur: चिकित्सा के क्षेत्र में नर्सिंग कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. कोरोना (Corona) जैसी वैश्विक महामारी में नर्सिंग कर्मचारियों के योगदान सराहनीय रहा है. नर्सिंग कर्मचारियों को सम्मान देने के लिए प्रसिद्ध समाज सेविका फ्लोरेंस नाइटिंगल (Florence Nightingale)  के जन्मदिन के मौके पर पूरे विश्व में  12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस (International Nursing Day) मनाया जाता है. समाज में सेवा के भाव से काम करने वाले नर्सिंग कर्मचारियों को सम्मान देने के लिए समय- समय पर कई तरह के आयोजन किए जाते रहे हैं. इसी कड़ी में ऐसी ही फीमेल नर्सिंग ऑफिसर कविता सुथार (Kavita Suthar)  से की कला से रुबरु करवाते हैं, जो मरीजों की सेवा में समय देने की वजह से शायद अपने शौक को बड़े मंच पर पेश नहीं कर पायीं.  


12 मई को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाया जाएगा, ऐसे में इस अंतरराष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस पर जोधपुर एम्स अस्पताल विशेष रंगोली बनाकर तैयारी की जा रही है.ये रंगोली फीमेल नर्सिंग ऑफिसर कविता सुथार के द्वारा  खास सेंड स्टोन कलर से तैयार किया जा रहा है. चिकित्सा के क्षेत्र में काम करते हुए रंगोली बनाने के जुनून को समय निकाल कर पूरा करती हैं. उनके रंगोली बनाने के विशेष  तरीके की रह कोई तारीफ कर रहा है. इस मौके पर कविता सुथार ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस को खास बनाने के लिए एम्स में 8 मई से कार्यक्रम चल रहे हैं.


नर्सिंग कर्मचारियों के कार्यों की सराहना के लिए बनाई रंगोली- कविता सुथार


कविता सुथार ने अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के मौके पर जोधपुर एम्स की तैयारियों के सिलसिले में बात करते हुए बताया कि, यहां 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस का कार्यक्रम किया आयोजित किया जाएगा. इस दौरान सभी नर्सिंग कर्मचारियों के जज्बे और उनके सेवा भाव को निरंतर बनाए रखने और उनके कामों की सराहना के लिए खासतौर से सेंड स्टोन कलर की रंगोली बनाई गई है. 


अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस पर एम्स परिसर में बनाई रंगोली


एम्स अस्पताल की नर्सिंग ऑफिसर कविता सुथार अपने कर्तव्य के साथ-साथ अपनी कला से भी मरीजों का मनोरंजन करती हैं. कविता सुथार के हाथों में ऐसा जादू है कि जब सेंड कलर से पेंटिंग बनाना शुरु करती है तो प्लेटफार्म पर नायाब तस्वीर उभर कर सामने आती है. रंगोली बनाने के अपने नायाब कला का प्रदर्शन इस बार एम्स अस्पताल के ऑडिटोरियम हॉल परिसर में भी देखने को मिलेगा. इस रंगोली को बनाने में उन्हें 10 घंटे लगे थे. इससे पहले भी वह कई अन्य स्थानों पर खूबसूरत रंगोली के बना कर अपनी कला का लोहा मनवा चुकी हैं. मरू उत्सव के दौरान कुलधरा में भी उन्होंने नायाब सेंड स्टोन कलर पेंटिंग बनाकर खूब तारीफें बटोरी थी. 


कविता सुथार ने बताया कि जोधपुर एम्स से ही पढ़ाई की और जोधपुर एम्स में ही जॉब कर रही हैं. पढ़ाई के दौरान रंगोली बनाने के लिए हमारा ग्रुप बनाया गया एक ग्रुप में मुझे भी शामिल किया गया, धीर-धीरे रंगोली को लेकर मुझमें जुनून बनने लग गया क्योंकि मैं नर्सिंग ऑफिसर दी हूं और मैं रंगोली नर्सिंग कर्मचारियों के वास्तविक कार्य और व्यावहार की कल्पन कर पेंटिंग तैयार करती हूं. जिससे लोग उससे अपने आपको कनेक्ट करते हैं, यही वजह है कि मेरी बनाई हुई रंगोली की तारीफ होती है.


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