सिरोही में पिण्डवाड़ा तहसील के भीमाना गांव के खेल मैदान में रविवार (05 अक्टूबर) को प्रस्तावित मेसर्स कमलेश मेटा कास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की माइनिंग प्रोजेक्ट के विरोध में हजारों ग्रामीणों का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा. चार ग्राम पंचायत क्षेत्रों-वाटेरा, भीमाना, भारजा और रोहिड़ा के करीब दर्जनों गांवों की जनता ने एकजुट होकर इस परियोजना को तत्काल निरस्त करने की मांग की.

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धरने में शामिल लोगों ने एक स्वर में कहा कि यह परियोजना क्षेत्र की कृषि भूमि, पर्यावरण और जनजीवन को नष्ट कर देगी, इसलिए जनता इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी.

सिरोही में माइनिंग प्रोजेक्ट कैंसल करने की मांग

धरना स्थल पर पहुंचे हजारों लोगों ने इस खनन परियोजना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने कहा कि करीब 800 हेक्टेयर क्षेत्र में चुना पत्थर खनन की यह परियोजना शुरू होते ही क्षेत्र के पेड़, पहाड़ और जलस्रोत खत्म हो जाएंगे. लोगों ने आरोप लगाया कि खनन की इस योजना में कई किसानों की खातेदारी भूमि भी शामिल की गई है, जिससे वे अपनी आजीविका खो देंगे.

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ग्रामीणों ने विधायक से पूछे तीखे सवाल

धरना स्थल पर पहुंचे बीजेपी विधायक समाराम गरासिया को ग्रामीणों ने घेरते हुए तल्ख सवाल किए. ग्रामीणों ने पूछा कि जब राज्य और केंद्र दोनों जगह बीजेपी की सरकार है, तो सरकार ने इस खनन परियोजना को रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट की डबल बेंच में अपील क्यों नहीं की? विधायक ने जनता को भरोसा दिलाया कि वे क्षेत्र के साथ खड़े हैं और जनता की भावना सरकार तक पहुंचाएंगे.

राजनीतिक दलों और संगठनों का मिला समर्थन

धरने को शिवसेना, कांग्रेस, बाप पार्टी, किसान संघ सहित कई सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया. इन संगठनों के पदाधिकारियों ने मंच से कहा कि यह आंदोलन किसी दल का नहीं, बल्कि जनता और पर्यावरण की रक्षा का आंदोलन है. उन्होंने कहा, ''आने वाले दिनों में अगर परियोजना निरस्त नहीं हुई तो आंदोलन को जिला मुख्यालय से लेकर जयपुर तक ले जाया जाएगा.''

प्रधान नितिन बंसल की गैरमौजूदगी पर फूटा गुस्सा

धरना स्थल पर पिण्डवाड़ा प्रधान नितिन बंसल के नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखी गई. ग्रामीणों ने प्रधान के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि वे जनता के हित के मुद्दों से बच रहे हैं.

BJP नेताओं की अनुपस्थिति पर उठे सवाल

ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया कि जब यह मुद्दा जनता की जमीन और पर्यावरण से जुड़ा है, तब बीजेपी जिलाध्यक्ष, मौजूदा सांसद और जिला प्रमुख अर्जुन पुरोहित सहित अन्य वरिष्ठ नेता क्यों नहीं पहुंचे. ग्रामीणों का कहना था कि जब चुनावों में जनता ने इन्हें वोट देकर जीत दिलाई, तो अब जनता की पीड़ा में इनकी गैरमौजूदगी समझ से परे है.

आक्रोश के बीच एकजुटता का संदेश

धरना स्थल पर कई वक्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ भीमाना या पिण्डवाड़ा की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे सिरोही जिले की धरती और पर्यावरण बचाने का संग्राम है. लोगों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द परियोजना रद्द नहीं की, तो अविरल जनांदोलन छेड़ा जाएगा.