केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को अपने जोधपुर निवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें हमेशा जनता ने परिवार के सदस्य की तरह स्नेह दिया है. उन्होंने कहा कि उनके जन्मदिन पर जिस तरह पूरे जोधपुर की जनता ने शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया, वह उनके लिए अमूल्य है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा जननायक की उपाधि को लेकर पूछे गए सवाल पर शेखावत ने कहा कि जननायक जनता बनाती है, कोई व्यक्ति स्वयं को जननायक घोषित नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, जनता ही तय करती है कि कौन जननायक है. कोई भी व्यक्ति खुद को जननायक कहकर नहीं बना सकता. अगर कोई इस तरह का दिखावा करता है तो जनता समय आने पर उसे सबक सिखा देती है.

देश के तीन राज्यों में खांसी की सिरप को बैन किए जाने पर सवाल पूछे जाने पर शेखावत ने कहा कि भारत में दवाओं की गुणवत्ता और मानकों के लिए एक कठोर प्रक्रिया निर्धारित है. उन्होंने कहा, भारत में दवाओं को मानव उपयोग के लिए अनुमति देने से पहले उन्हें सख्त परीक्षणों और मानकों से गुजरना होता है. हमारे स्टैंडर्ड वैश्विक मानकों से भी ज्यादा कठोर हैं. अगर किसी दवा से किसी प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रिया या समस्या सामने आती है, तो जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई और जांच होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी.

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बिहार की शिक्षा से लेकर संघ की भूमिका तक उठाए मुद्दे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार की शिक्षा प्रणाली पर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा, वह सत्य है. उन्होंने कहा, बिहार कभी ज्ञान की धरती था, विश्व का अध्ययन केंद्र था. नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय उसकी गौरवशाली पहचान थे. लेकिन पिछले कुछ दशकों में बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से कमजोर हो गई है. जहां कभी बिहार के विश्वविद्यालय देश के श्रेष्ठ संस्थानों में गिने जाते थे, आज स्थिति चिंताजनक है. शेखावत ने कहा कि एनडीए सरकार आने के बाद सुधार की शुरुआत हुई है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है ताकि बिहार फिर से ज्ञान की भूमि के रूप में अपनी पहचान पा सके.

संघ की विचारधारा और भूमिका पर पूछे गए सवाल के जवाब में शेखावत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रशंसा करते हुए कहा कि संघ ने राष्ट्र निर्माण की दिशा में अमूल्य योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि 1925 में जब देश अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तब परम पूज्य सरसंघचालक जी ने संघ की स्थापना एक संकल्प के साथ की थी. मां भारती को पुनः सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाना. मंत्री ने कहा, “संघ ने व्यक्ति निर्माण से परिवार निर्माण, परिवार निर्माण से समाज निर्माण, और समाज निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया. आज संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन है, जहां करोड़ों स्वयंसेवक एक ही दृष्टि, एक ही लक्ष्य और एक ही भावना से राष्ट्रहित में कार्य कर रहे हैं.

राजनीति को सेवा मानने वाला दृष्टिकोण

मंत्री शेखावत ने कहा कि राजनीति का वास्तविक उद्देश्य सेवा है और सेवा का मूल भाव जनता के विश्वास से ही आता है. उन्होंने कहा कि वे इस विश्वास को बनाए रखने और जोधपुर सहित पूरे देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. “मेरे लिए राजनीति का अर्थ पद नहीं, सेवा है. जनता ने जो विश्वास दिया है, वह मेरी सबसे बड़ी पूंजी है.