कांग्रेस नेता उदित राज ने सोमवार (15 जुलाई) को कहा कि इस बार अंतरिक्ष में किसी पिछड़े या दलित को भेजना चाहिए था. एक्सिओम-4 मिशन के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि शुभांशु शुक्ला नासा की कोई परीक्षा में पास होकर तो वहां नहीं गए थे. अब इस पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी ने कहा कि इसमें तो कोई भी जा सकता है, इसमें जाति देखी जाती है क्या?

इसमें सभी को अवसर मिलता है- मदन राठौड़

राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष मदन राठौड़ ने न्यूज़ एजेंसी IANS से बातचीत में कहा, "वैज्ञानिक, वैज्ञानिक होता है. इसमें सभी को अवसर मिलता है. सभी को छूट है. अवसर पाकर जो योग्य और उसके आधार पर चयन हुआ होगा, उसमें जाति नहीं देखी जाती है. अंतरिक्ष में जाना है और वहां गए."

 

धरती पर लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला की पहली तस्वीर

'कांग्रेस को छोटी राजनीति नहीं करना चाहिए'

इसके आगे उन्होंने कहा, "अब हमने तो कभी इस विषय पर सोचा भी नहीं, क्यों सोचेंगे? ये कोई विषय नहीं है. कांग्रेस को ऐसी छोटी और निचले स्तर की राजनीति नहीं करनी चाहिए. समाज के किसी प्रकार का विभेद पैदा नहीं करना चाहिए." 

उदित राज ने अपने बयान पर क्या कहा?

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, "हमने जो बोला उसको गलत तरीके से रखा जा रहा है. जितने चीफ सेक्रेटरी है इस समय भारत में उसमें एक भी दलित या ओबीसी नहीं है, आदिवासी नहीं हैं. तो अगर इनकी जगह पर किसी एससी, एसटी या ओबीसी को भेजा गया होता तो वो भी एक भारतीय होता. अवसर देने की बात है. शुक्ला जी को अवसर दिया गया. ये अवरस एससी, एसटी और ओबीसी को भी दिया जा सकता था. पहले एक बार शर्मा जी (राकेश शर्मा) जा चुके थे."

मुस्कुराते हुए यान से बाहर निकले शुभांशु शुक्ला

मंगलवार (15 जुलाई) को अंतरिक्ष के 18 दिनों के सफल अभियान के बाद शुभांशु शुक्ला ड्रैगेन कैप्सूल से मुस्कुराते हुए बाहर निकले और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया. उनके साथ तीन और साथी भी अंतरिक्ष के धरती पर लौटे. ये सभी ने 20 दिनों की यात्रा पूरी की. अंतरिक्ष यान का ड्रैगेन कैप्सूल कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में समुद्र में भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 3:01 बजे उतरा. चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सात दिन तक निगरानी में रखा जाएगा.