Shardiya Navratri 2022: इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. सिद्धयोग में शुरू होने वाली नवरात्रि में इस बार 30 साल बाद विशेष महायोग बन रहा है. नवरात्रि में शनिदेव अपनी मकर व देवगुरु बृहस्पति अपनी मीन राशि में रहेंगे. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नवरात्रि में शनि अपनी राशि मकर में होने से राजनीतिक व्यक्तियों को बड़ा फायदा व उच्च पद दिलाएगा. वहीं राजनीतिक क्षेत्र में कोई नया चेहरा देखने को मिलेगा. 


कलश स्थापना का मुहूर्त
वहीं मेष, बृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर व कुंभ के लिए भी नवरात्रि अच्छी साबित होगी. वहीं नवरात्रि कलश स्थापना का अमृत मुहूर्त सूर्योदय से 6.21 बजे तक होगा और द्विस्वभाव कन्या लग्न सुबह 7.57 बजे तक घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा. इसके अलावा शुभ का चोगड़िया  मुहूर्त सुबह 9.19 से 10.49 व अभिजीत मुहूर्त 11.55से 12.42 बजे तक रहेगा. इस बार मां अंबे का आगमन और गमन हाथी पर होगा जो उन्नति व खुशी का प्रतीक है.


देवी दुर्गा हिमालय से पृथ्वी लोक आती हैं
ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि नवरात्रि में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जाती है. ये सभी मां के नौ स्वरूप हैं. प्रथम दिन घट स्थापना होती है और मां शैलपुत्री को प्रथम देवी के रूप में पूजा जाता है. 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रत और पूजा का विशेष महत्व रहता है. सालभर में कुल चार नवरात्रि आते हैं. दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि सभी नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा हिमालय से पृथ्वी लोक में आती हैं और अपने भक्तों के घरों में 9 दिनों के लिए विराजमान होती हैं. नवरात्रि के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना होती है. मां दुर्गा के भक्त इन 9 दिनों में उपवास रखते हुए मां शक्ति की साधना करते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा अपने भक्तों पर विशेष कृपा रखती हैं.


नवरात्रि के दौरान राशि के अनुसार ऐसे करें अनुष्ठान
मेष-
भवानी को लाल फूल चढ़ाएं.
वृषभ- सरस्वती की आराधना करें, सफेद वस्त्र पहनें.
मिथुन- भुवनेश्वरी देवी की आराधना करें, हरे वस्त्र पहनें.
कर्क- भैरवी को चावल-दही चढ़ाएं.
सिंह- जया स्वरूप की आराधना करें और पुष्प आदि से पूजन करें.
कन्या- चन्द्रघंटा स्वरूप की आराधना करें.
तुला- लक्ष्मीजी की आराधना करें, सफेद वस्त्र धारण करें.
वृश्चिक- देवी कालरात्रि की आराधना करें, लाल वस्त्र पहनें.
धनु- देवी के मातंगी स्वरूप की आराधना करें, पीले वस्त्र पहनें.
मकर- शारदा देवी की आराधना करें, नीले फूलों से पूजा करें.
कुंभ- कालिकाजी की आराधना नीले रंग के आसन पर बैठ करें.
मीन- देवी गौरी की आराधना करें, पीले वस्त्र धारण करें.



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