सऊदी अरब के मदीना-मक्का में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें भारतीय उमराह यात्रियों को ले जा रही बस की तेल टैंकर से भिडंत हो गयी, जिसमें 42 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गयी 20 से ज्यादा घायल हो गए. इस घटना से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. इसको लेकर अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह शरीफ (अजमेर शरीफ) में सभी 42 भारतीय श्रद्धालुओं की याद में विशेष श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी. जिसमें उनकी आत्मा की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने के लिए दुआ की गयी.

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इस दुखद घटना पर PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने शोक व्यक्त किया है. विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास को तत्काल राहत और बचाव कार्य में जुटने के निर्देश दिए हैं. जानकरी के मुताबिक मृतकों में गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के श्रद्धालु शामिल हैं.

अजमेर शरीफ में हुई दुआ-सुरक्षा की मांग  

अजमेर शरीफ में हादसे में शहीद हुए सभी 42 भारतीय श्रद्धालुओं की याद में विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. दरगाह के आस्ताना शरीफ में हजारों की संख्या में जायरीन, खादिम और अकीदतमंद जुटे. सूरह यासीन की सामूहिक तिलावत की गई, फातेहा ख्वानी हुई और दिवंगत आत्माओं की मगफिरत व परिजनों को सब्र-ए-जमील की दुआ की गई.

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दरगाह के खादिम सैयद सुल्तान रोमी बाबा और गरीब नवाज सेवा समिति के अध्यक्ष सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने सऊदी अरब सरकार से कड़ी मांग की है कि उमराह और हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाए जाएं. उन्होंने कहा कि हर साल लाखों भारतीय सऊदी अरब उमराह और हज के लिए जाते हैं. इस तरह के हादसे बार-बार हो रहे हैं. बसों की फिटनेस, ड्राइवरों की ट्रेनिंग, स्पीड लिमिट और हाईवे पर अलग लेन की व्यवस्था अनिवार्य की जाए.

विदेश मंत्रालय जुटा है

हादसे के बाद विदेश मंत्रालय के अधिकारी सऊदी दूतावास से सम्पर्क में हैं और घायलों की मदद के साथ-साथ मृतकों के परिवार वालों से सम्पर्क कर उन्हें सांत्वना और दे रहे हैं. जल्द ही सभी मृतकों के शवों को भारत लाकर उनके परिजनों  को सौंपा जाएगा.