Supreme Court on Places of Worship Act: सुप्रीम कोर्ट की ओर से गुरुवार (12 दिसंबर) को 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991' को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पर सुनवाई की गई. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार की राय के बिना कोर्ट इस पर आदेश जारी नहीं करेगा. साथ ही एक बड़ा फैसला सुनाते हुए यह भी कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस केस को सुन रहा है, तब तक देश में कहीं भी इस तरह के नए मामले पर सुनवाई नहीं होगी. यानी विवाद की स्थिति बनी तो केस दाखिल किए जाएंगे, लेकिन ट्रायल कोर्ट में उस पर कोई सुनवाई नहीं होगी. 

इसको लेकर अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती की भी प्रतिक्रिया आई है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, "(12 दिसंबर) सुप्रीम कोर्ट का बहुत खूबसूरत फैसला आया है, जिससे न्यायपालिका पर हमारा यकीन बहाल हुआ है. जिस तरह से लोकल कोर्ट में लगातार कार्यवाही चल रही थी, उससे लोगों का न्यायपालिका पर से विश्वास डामाडोल हो गया था. हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फिर से लोगों में उम्मीद की किरणें जागी हैं."

'केंद्र सरकार भी दोनों समुदायों के पक्ष में रखेगी बात'- सरवर चिश्तीसरवर चिश्ती ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से चार हफ्ते का समय मांगा है और कहा है कि अपना रुख स्पष्ट करें कि वह क्या चाहते हैं. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार भी इसी किस्म की बात कहेगी, जिससे हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच जो बहस छिड़ रही थी, वह खत्म होगी. एक नई पहल होगी और न्यायपालिका में हमारा यकीन बहाल होगा."

अंजुमन कमेटी के सचिव ने आगे कहा, "जगह-जगह जो खुदाई अभियान चल रहा है, जिससे देश का हर व्यक्ति परेशान है, उम्मीद है कि वह भी केंद्र के जवाब के बाद समाप्त होगा."

'वर्शिप एक्ट 1991 पूरी तरह लागू होने की उम्मीद'सरवर चिश्ती ने कहा, "परेशानी तब खड़ी हो गई जब, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की जो दरगाह मिश्रित संस्कृति और विविधता को बढ़ावा देती है, उस 800 साल पुरानी दरगाह पर भी केस दायर कर दिया गया. उससे पूरे देश में एक हलचल मच गई और करोड़ों लोगों की श्रद्धा को ठेस पहुंची. यह इन्हीं सब का नतीजा है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत अच्छा फैसला लिया, जिसका हम सभी स्वागत करते हैं. हमें उस दिन पूरी खुशी होगी जब प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 पूरी तरह लागू हो जाएगा."

'यह समय की जरूरत थी'- सैयद नसरुद्दीन चिश्तीवहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के लिए तमाम वकीलों को धन्यवाद. हम इसका स्वागत करते हैं. यह समय की जरूरत थी. कोर्ट के आदेश से देश में अमन की नई शुरुआत हुई है."

यह भी पढ़ें: राजस्थान में छह पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों पर मुकदमा दर्ज, खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप