राजस्थान के बीकानेर में ढाई साल पहले जसनाथ मंदिर में हुई चोरी का खुलासा नहीं होने पर संत महात्माओं और श्रद्धालुओं ने अनूठे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया. जिला कलेक्ट्रेट पर हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं के बीच संतों ने अग्नि नृत्य किया. दहकते हुए अंगारों को मुंह में रखा. मुंह से आग की लौ निकाली और अंगारों पर नंगे पांव चले. विरोध का यह अनूठा तरीका देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए.

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हालांकि देर रात प्रशासन ने नाराज संतों और श्रद्धालुओं को समझाया और 24 दिनों से चल रहे उनके धरने को एक महीने के लिए स्थगित कराया. प्रशासन ने एक महीने में न सिर्फ मामले के खुलासे का वायदा किया है, बल्कि मंदिर से चोरी हुए सामानों को बरामद किए जाने की भी बात कही है. मंदिर में चोरी की घटना संतों और श्रद्धालुओं की नाराजगी के चलते बीकानेर में जन आंदोलन बनती जा रही थी.

जसनाथ मंदिर चोरी की घटना और अब तक की जांच

गौरतलब है कि बीकानेर के डूंगरपुर थाना इलाके के कतरियासर गांव में स्थित जसनाथ जी के मंदिर में 17 अप्रैल 2023 को चोरी हो गई. चोरों ने मंदिर के गर्भ गृह से 40 किलो चांदी के सामान और 100 ग्राम सोने के छत्र के साथ ही तमाम दूसरे कीमती सामान और लाखों रुपए नगद चोरी कर लिए थे. इस मामले में पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं.

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 जसनाथ संप्रदाय की परंपरा और संतों की तपस्या

बीकानेर में जसनाथ जी के इस मंदिर का काफी महत्व है. जसनाथ संप्रदाय के लोग यहां अपने आराध्य की पूजा अर्चना करते हैं. बड़ी संख्या में संत महात्मा भी इस मंदिर से जुड़े हुए हैं. जसनाथ संप्रदाय के संत अग्नि के साथ ही तपस्या करते हैं. आज के तहत अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं.

अपने मुंह में रखते हैं. आग के साथ करतब दिखाते हुए नृत्य करते हैं. तकरीबन ढाई साल का वक्त बीतने के बाद भी बीकानेर पुलिस ना तो चोरी की घटना में शामिल आरोपियों का पता लगा सकी और ना ही कोई सामान बरामद कर सकी. इसे लेकर नाराज संतों और श्रद्धालुओं ने 24 दिन पहले 4 अक्टूबर से बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर धरना शुरू किया. धरने में रोजाना सैकड़ों की संख्या में संत महात्मा और श्रद्धालु शामिल होते थे. सोमवार को रात में यहां बड़ा आयोजन किया गया.

 अग्नि नृत्य से विरोध, प्रशासन ने मांगी एक महीने की मोहलत

जसनाथ संप्रदाय से जुड़े हुए संतों ने यहां अनूठे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया. अग्नि के साथ करतब दिखाते हुए नृत्य किया गया. दहकते हुए अंगारों पर नंगे पांव चला गया. अंगारों को मुंह में रखकर अग्नि की लौ निकाली गई. यह सब रोंगटे खड़े कर देने वाला दृश्य था. कलेक्ट्रेट के बाहर मौजूद श्रद्धालुओं ने इस मौके पर जमकर नारेबाजी भी की.

संतों के विरोध का यह अनूठा तरीका देखकर प्रशासन भी सकते में आ गया. अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर संत महात्माओं से बातचीत की. उन्हें एक महीने में चोरी की घटना के खुलासे का भरोसा दिलाया. प्रशासन ने एक महीने की मोहलत मांगते हुए संतों से धरना स्थगित करने का अनुरोध किया. प्रशासन के वादे पर धरने को फिलहाल एक महीने के लिए स्थगित तो कर दिया गया है लेकिन यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर एक महीने में पूरे मामले का खुलासा नहीं हुआ तो वह फिर से विरोध करने को मजबूर होंगे. बहरहाल बीकानेर के जसनाथ संप्रदाय के संतों का चोरी की घटना के विरोध में यह अनूठा प्रदर्शन चर्चा का विषय बना हुआ है.