बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोट चोरी का मुद्दे ने सियासी पारा हाई कर दिया है. इस बीच विपक्षी गठबंधन दल की ओर से 'वोटर अधिकार यात्रा' निकाली जा रही है, जिसमें राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव भी शामिल हैं. इस यात्रा में शामिल होने के लिए सचिन पायलट भी बिहार के बेतिया पहुंचे. इस दौरान सचिन पायलट ने दावा किया, "कांग्रेस की प्राथमिकता केवल एक है. हम चाहते हैं कि देश में पारदर्शी और ईमानदार तरीके से चुनाव हों."

सचिन पायलट ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा और कहा, "राहुल गांधी ने वोट चोरी का जो भांडा फोड़ा है, चुनाव आयोग उसका जवाब नहीं दे पा रही है. बिहार के लोग अब बदलाव चाहते हैं. वोटर अधिकार यात्रा में जो जनसैलाब उमड़ कर आ रहा है, इस बात को दर्शाता है कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. इतनी भीषण गर्मी में भी इतनी तादाद में जो लोग आ रहे हैं, वो अपना अधिकार मांगने आ रहे हैं और वोट चोरी रोकने आ रहे हैं."

सचिन पायलट ने कहा, "राहुल गांधी ने बीड़ा उठाया है कि इस देश में निषपक्षता हो. निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है कि हर मसले पर जवाब दें." 

'चुनाव आयोग के पास कोई जवाब नहीं है'- सचिन पायलटउन्होंने आगे कहा, "इलेक्शन कमिश्नर के चयन की प्रक्रिया, सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करने का नियम और वोटर लिस्ट सार्वजनिक न करना दिखाता है कि मामला गड़बड़ है. राहुल गांधी ने कर्नाटक में सबूत के साथ आरोप लगाया है, चुनाव आयोग के पास इसका कोई जवाब नहीं है."

'जनता को वोट करने से वंचित रखना चाहता है EC'- सचिन पायलटन्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "हम नहीं चाहते कि हमारे देश की लोकतांत्रिक जड़ें कमजोर हों. हम चाहते हैं कि पारदर्शी और ईमानदार तरीके से चुनाव हों. जनता अपने मन से वोट कर सके. बिहार में अगर आप लाखों लोगों के वोट काट रहे हैं तो इसकी क्या वजह है? इतने कम समय में इतने बड़े राज्य में रिव्यू क्यों करना चाहते हैं, ताकि लोग वोट करने से वंचित रह जाएं? फिर अपने मन से नाम जोड़ भी रहे हैं. इस धांधलेबाजी के खिलाफ कांग्रेस ने आवाज उठाई है."

'EC ने कुछ संदिग्ध करने का मन बनाया है'- सचिन पायलटहम सवाल चुनाव आयोग से करते हैं और जवाब BJP देती है. अब यह सवाल बड़ा है कि चुनाव आयोग सीसीटीवी फुटेज को नष्ट क्यों करना चाहता है? वोटर लिस्ट की कॉपी हमें क्यों नहीं दे रहे हैं? कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि उनके मन में कुछ संदिग्ध काम करने की मंशा है. हालांकि, बिहार के लोग समझदार हैं. लाखों लोगों का नाम चुनाव आयोग काटना चाह रहा है, लोग इसके खिलाफ सड़कों पर हैं.