Ajmer: राजस्थान में पहली बार ग्रामीण गैर-कृषि विकास संस्था की ओर से क्राफ्ट बाजार लगाया जाएगा.यह 26 सितंबर को शारदीय नवरात्रि के पहले दिन अलवर के प्रताप ऑडिटोरियम में शिल्पांगन क्राफ्ट बाजार की शुरूआत होगी.राज्य की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत इसका शुभारंभ करेंगी.यहां एक ही स्थान पर विभिन्न राज्यों के बेजोड़ हस्तशिल्प की सामग्री उचित दाम पर मिलेगी.


बाजार में विभिन्न प्रोडेक्ट्स की 60 स्टॉल्स


ग्रामीण गैर-कृषि विकास संस्था (रूडा) की प्रबंध निदेशक नलिनी कठोतिया ने बताया कि 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक प्रताप ऑडिटोरियम अलवर में सात दिवसीय शिल्पांगन क्राफ्ट बाजार लगाया जाएगा. इसमें राजस्थान और दूसरे राज्यों के दस्तकारों द्वारा विभिन्न उत्पादों की लगभग 60 स्टॉल्स लगाई जाएगी.क्राफ्ट बाजार रोजाना सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक संचालित होगा.आगंतुकों के लिए कोविड गाइडलाइन की पालना के साथ प्रवेश निःशुल्क रहेगा.


हस्तशिल्प की कलाकृतियों का समागम


कठोतिया ने बताया कि प्रदर्शनी में पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, नागालैण्ड आदि राज्यों के हस्तशिल्प की बेजोड़ कलाकृतियों के अनूठे समागम में खुर्जा की पॉटरी,सहारनपुर का फर्नीचर, बनारसी साड़ियां, पश्चिम बंगाल और नागालैण्ड के ड्राई फ्लावर,पंजाब की फलकारी, मध्य प्रदेश की चंदेरी साड़ियां,पोकरण का टेराकोटा, गुलाबी नगरी की ब्ल्यू पोटरी एवं बंधेज, रजवाडे के समय की परम्परागत वस्त्रों पर हस्त छपाई, कुम्भकारी कला, चमड़े व पत्थर की कलात्मक वस्तुएं इत्यादि की दस्तकारों द्वारा प्रदर्शनी एवं बिक्री की जाएगी.


हस्त निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने का प्रयास


प्रबंध निदेशक नलिनी ने बताया कि मेले का मुख्य उद्देश्य हस्तशिल्प दस्तकारों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन एवं बिक्री हेतु विपणन का एक मंच उपलब्ध कराना है ताकि परंपरागत हस्त निर्मित उत्पादों को बढ़ावा मिले.इसके साथ ही आमजन का आकर्षण और हस्तशिल्प दस्तकारों की आजीविका में वृद्धि हो सके.उन्होंने बताया कि यह मेला राष्ट्रीय भावनात्मक एकता के साथ दस्तकारों के अनुपम उत्पाद एवं कलाकृति का अनूठा संगम होगा.


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