Kota News: कोटा में देर रात अनशन पर बैठे चिकित्सकों को जबरन उठाकर ले जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. चिकित्सकों ने इस घटना की तीव्र निंदा की है. आरटीएच बिल के विरोध में डॉक्टर्स का धरना पिछले 6 दिन से चल रहा है. ऐसे में गुरुवार रात को सुंदरकांड पाठ के दौरान ही डॉ. नीलम खंडेलवाल को महिला पुलिसकर्मी एम्बुलेंस में डालकर ले गए और उसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वहां हंगामा किया. 


इस मामले को लेकर आईएमए सचिव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. आईएमए सचिव डॉ. अखिल अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता यहां आकर हंगामा करते हैं. ये सस्ती लोकप्रियता का तरीका है. उन्हें भी अपने बड़े नेताओं की बूट पॉलिश करनी होती है.


'संविधान ने हमें शांतिपूर्ण अनशन का अधिकार दिया है'
विज्ञाननगर चौराहे पर चल रहे धरने पर अन्य चिकित्सक भी बैठ गए हैं. ऐसे में उन्होंने आर-पार की लड़ाई का एलान किया है. डॉ. अखिल अग्रवाल ने कहा कि हम शांतिपूर्ण अनशन कर रहे हैं. जहां हमारा धरना चल रहा है, वहां दोनों ओर से ट्रैफिक निकल रहा है. क्या हमने ट्रैफिक रोका? क्या हमने आग लगाई? क्या हमने किसी का सिर फोड़ा?


जब हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं तो जबरदस्ती क्यों की जा रही है? संविधान ने हमें अधिकार दिया है कि हम प्रदर्शन शांतिपूर्ण करें, जो हम कर रहे हैं.
 
कोटा में सभी अस्पताल बंद, चरमरा गई चिकित्सा व्यवस्था
कोटा में चल रहे अनशन के के चलते सभी निजी चिकित्सालय बंद हो गए हैं. कोटा में करीब 5500 निजी चिकित्सक हैं जो हड़ताल पर चल रहे हैं. सभी क्लीनिक बंद कर दिए गए हैं. ओपीडी में तो चिकित्सक देख ही नहीं रहे. अब तो भर्ती मरीजों को भी डिस्चार्ज किया जा रहा है और नए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे.


उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी सूरत में डॉक्टर्स को दबा नहीं सकती. कोटा में स्थिति अब बेकाबू होती जा रही है, प्रशासन के सभी प्रयास विफल हो चुके हैं. शुक्रवार को धरना स्थल से डॉक्टर्स ने पैदल मार्च भी निकाला और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.


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