Ramganjmandi Pachpahar Project: रामगंजमंडी क्षेत्र में आ रही पानी की विकट समस्या का शीघ्र ही समाधान होने जा रहा है. जल जीवन मिशन के तहत रामगंजमंडी पचपहाड़ परियोजना का लगभग 95 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है. वहीं इस परियोजना में जिन गांवों में हर घर नल मिशन के तहत कनेक्शन हो गए है, उनकी जलापूर्ति शुरू की जा चुकी है. 


केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत जिले की रामगंजमंडी तहसील के करीब 185 गांवों व 7 ढाणियों को जलापूर्ति की जाएगी. वहीं जिन गांवों में घरों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं, उन्हें जलापूर्ति 48 घंटे में एक बार जलापूर्ति की जा रही है, जिसे परियोजना के पूरा होने पर 24 घंटे करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है.


खर्च की जा चुकी है 120 करोड़ रुपये
इस परियोजना की कुल लागत 170 करोड़ है, जिसमें बांध से पानी को जलाशयों और घर तक पहुंचाना शामिल है. परियोजना पर खर्च होने वाली राशि का 50 फीसदी भाग राज्य सरकार और 50 फीसदी भाग केंद्र सरकार द्वारा व्यय किया जा रहा है.


परियोजना का शुभारंभ करीब ढाई साल पहले हुआ था, जिसका कार्य अंतिम चरण में है. वर्तमान में परियोजना पर 120 करोड़ रुपये अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है जिसमें चिन्हित गांव में पंप हाउस, उच्च जलाशय, पाइप लाइन सहित कनेक्शन देने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है.


36 हजार से अधिक घरों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं
अभियंता अंकित सारस्वत ने बताया कि योजना में रामगंजमंडी तहसील के 185 गांवों के 38 हजार से ज्यादा घरों को कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें करीब 95 फीसदी यानी 36 हजार से अधिक घरों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं.


वहीं शेष घरों में नल कनेक्शन देने का कार्य प्रगति पर है. योजना के तहत रामगंजमंडी क्षेत्र की करीब 3 लाख की आबादी को स्वच्छ जलापूर्ति की जा सकेगी. योजना के तहत इन सभी घरों में राणा प्रताप सागर बांध से चंबल नदी का पानी पहुंचाया जाएगा.


'15 लाख की आबादी को होगा जलापूर्ति' 
योजना में रामगंजमंडी व बेंगू विधानसभा क्षेत्र के एकलिंग पुरा, जालखेड़ा, गडिया, हथिया खेड़ी, खेड़ली, बड़ोदिया और सालेरा खुर्द सहित कई गांव शामिल हैं.


कोटा में इन परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि कोटा जिले में रामगंजमंडी पचपहाड़ परियोजना के अलावा मंडाना बोराबास परियोजना, परवन अकावदा परियोजना, नौनेरा परियोजना सहित छोटी बड़ी करीब 40 से अधिक परियोजनाएं शामिल हैं. इनमें मंडाना बोरावास परियोजना का कार्य 55 फीसदी पूरा हो चुका है.


वहीं परवन अकावद परियोजना और नौनेरा परियोजना के प्रगति निविदा प्रक्रियाधीन है. इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने के पश्चात जिले की करीब 15 लाख की आबादी को जलापूर्ति की जा सकेगी.


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