Rajasthan News: राजस्थान में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत हर घर नल कनेक्शन कार्य की प्रोग्रेस को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी आमने -सामने हो गए हैं. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पलटवार करते हुए गहलोत सरकार के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जलशक्ति मंत्री के बयानों की निंदा करते हुए कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत इसी प्रदेश के हैं लेकिन वे प्रदेश के लोगों को किसी भी तरह का सहयोग नहीं कर रहे हैं.


'राजस्थान में प्रति नल कनेक्शन का खर्च सर्वाधिक'
जोशी ने कहा कि राजस्थान ने इस जलशक्ति मिशन को लेकर बेहतर काम किया है. जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत खुद राजस्थान से जनप्रतिनिधि हैं लेकिन राजस्थान को लेकर उन्होंने कोई भी अतिरिक्त सहायता या सहयोग नहीं दिया है. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जलशक्ति मिशन के तहत 30.43 लाख कनेक्शन दिए गए हैं. जल जीवन मिशन में अभी तक 16,586 करोड़ रुपए खर्च कर राजस्थान दूसरे नंबर पर है. इस वित्तीय वर्ष में अभी तक इस परियोजना पर कुल 1758 करोड़ रुपए का व्यय किया जा चुका है. महेश जोशी ने कहा कि प्रदेश के प्रति नल कनेक्शन औसत लागत 72 हजार रुपए हैं जो कि सर्वाधिक है, जबकि महाराष्ट्र में 16 हजार 300, मध्य प्रदेश में 33 हजार व उत्तर प्रदेश में 33 हजार प्रति जल कनेक्शन खर्च आ रहा है.


'हम भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं देते'
उन्होंने कहा कि राजस्थान जलशक्ति मिशन पर अब तक 16 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुका है. जलशक्ति मिशन की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त अधिकारियों को देने के सवाल पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि हम भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं देते हैं. इंजीनियर को एक काम से दूसरा काम तो देना ही पड़ता है. जेजेएम के चीफ इंजीनियर आर के मीणा 2016 में एसीबी केस में पकड़े जा चुके हैं. इसके बावजूद उनके पास जेजेएम के शहरी व ग्रामीण चीफ इंजीनियर का चार्ज है. जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि जलदाय विभाग ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे सीई को जेजेएम की जिम्मेदारी दी गई है.


क्या बोले थे गजेंद्र सिंह शेखावत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने सर्वाधिक संसाधन राजस्थान में दिए हैं बावजूद इसके जल जीवन मिशन प्रगति के मामले में राजस्थान देश में नीचे के पायदान पर खड़ा है. उन्होंने कहा कि जेजेएम की शुरुआत करने वाले राजस्थान में नल कनेक्शन अभी कुल 40% हैं जबकि पूरे देश में नल कनेक्शन 16% से बढ़कर 63% हो चुके हैं.


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