UCO Bank IMPS Issue: दीपावली से ठीक पहले यूको बैंक में तकनीकी खामी के चलते 200 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. एक हार्ड वेयर व्यवसायी ने जोधपुर की पाल रोड यूको बैंक की शाखा में फर्जी दस्तावेज से कोटा के युवक के नाम से खाता खुलवाया था. बैंक की आंतरिक तकनीकी कमी का फायदा उठाते हुए उस खाते से दो करोड़ का लेनदेन किया गया. इसके बाद शास्त्री नगर थाना पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया तो उसने अपना एक और नाम बता पुलिस को चकमा देने की कोशिश की.


फिलहाल पुलिस ने उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया है. बैंक की तरफ से उसके खिलाफ फर्जी दस्तावेज से खाता खुलवाने की शिकायत दी गई है. वहीं जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट वेस्ट डीसीपी गौरव यादव ने बताया कि, जयपुर साइबर पुलिस ने संदिग्ध युवक की पहचान बताई थी, जिसके बाद उसे हिरासत में लेकर एसओजी को इसकी सूचना दे दी गई है. 


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, दीपावली के दौरान यूको बैंक से 200 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में जयपुर के साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करई गई थी. बैंक और साइबर थाना पुलिस की सूचना पर पुलिस ने मंगलवार को सांचौर हाल आरती नगर निवासी अनूप चंद्र बिश्नोई को हिरासत में लिया. उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवा दिया गया. बता दें कि, पूछताछ में उसने अपना नाम लक्ष्मण बिश्नोई भी बताया था.


आरोपी युवक ने फर्जी दस्तावेज से यूको बैंक में अप्रैल में विकास ट्रेडर्स नाम का खाता खुलवाया था. इसमें कोटा के जयशंकर कुमार को प्रॉपर्टी बताया गया था, जबकि खाता लक्ष्मण नाम के व्यक्ति का था. (बता दें कि, अनूप चंद्र ही लक्ष्मण है, जिसकी जोधपुर में हार्डवेयर की दुकान है.) इस खाते में दो करोड़ का लेनदेन किया गया था. इसमें से 97 लाख रुपए एटीएम से निकाल भी लिए गए थे. वहीं बैंक कर्मचारी खाता संचालक के पते पर पहुंचे तो पता भी फर्जी निकला.


आंतरिक तकनीकी की वजह से हुआ फ्रॉड
दीपावली के आस-पास यूको बैंक में आंतरिक तकनीकी खामी का फायदा उठाकर खाता धारकों ने 820 करोड़ रुपए की गड़बड़ कर दी थी. इसमें से 649 करोड़ रुपए रिकवर कर लिए गए हैं, बाकी राशि वसूलने की कोशिश की जा रही है. यूको बैंक की ओर से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और बीएसई को लिखित पत्र लिखकर स्वीकारा गया कि बैंक में आइएमपीएस सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी की बजाय बैंक के आंतरिक सिस्टम में खामी से यह घोटाला हुआ था.


बैंक ने दी व्यवसायी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत
गत 10 से 12 नवंबर के बीच घोटाले के संबंध में जयपुर में एफआइआर दर्ज करवाई गई है, जिसमें 1.53 करोड़ रुपए की ठगी का जिक्र किया गया है. जोधपुर में सबसे पहले गड़बड़ी करने वाली फर्म के खाते में फर्जी दस्तावेज का उपयोग होने का पता लगने के बाद बैंक प्रबंधन अलर्ट हो गया. बैंक ने शाम को शास्त्रीनगर थाने में खाता संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई. वहीं अब हार्डवेयर व्यापारी के पकड़े जाने के बाद एसओजी साइबर पुलिस इसकी जांच कर रही है. पकड़े गए अनूप चंद्र बिश्नोई और एक अन्य युवक पांडे से एसओजी की टीम पूछताछ करेगी.



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