Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान में राजनीतिक 'संकट' जारी है. पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक खेल के दो चेहरे ज्यादा चर्चा में हैं. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी रहे अजय माकन की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है. उनके कई बयान सियासत में भूचाल ला रहे थे. उसी बीच संकट में प्रियंका गांधी के खास आचार्य प्रमोद कृष्णम की एंट्री होती है. तीन दिन पहले उन्होंने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से जयपुर में निवास पर लगभग तीन घंटे तक बातचीत की थी. जयपुर से जाने के बाद साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं. चर्चा है की आचार्य और माकन ने नया राजनीतिक 'चैप्टर' शुरू कर दिया है. अब देखना है किस करवट राजनीति का 'ऊंट' बैठेगा?


जानिए- 'राजनीतिक ड्रामे' की इनसाइड स्टोरी


राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के इस्तीफे की पेशकश के बीच ही आचार्य प्रमोद कृष्णम का ट्वीट आ गया. अब ट्वीट से राजस्थान की राजनीति में और हलचल बढ़ गई है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट किया है 'राजस्थान के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अजय माकन का इस्तीफ़ा उन सभी नेताओं के लिये एक बड़ा सबक़ है जो अपनी कुर्सी बचाने के लिये पार्टी हाईकमान को “ब्लैकमेल” और “बेइज़्ज़त” करते है.' इस ट्वीट का बड़ा मतलब निकाला जा रहा है.


25 सितंबर की वो 'आग' अभी भी सुलग रही


25 सितंबर का वो घटनाक्रम अजय माकन को 'सोने' नहीं दे  रहा है. आज उन्होंने इस्तीफे में उस बात का जिक्र किया है. सूत्रों का कहना है कि माकन ने चिट्ठी में दिल्ली में पार्टी को मजबूत करने की बात लिखी है. इसलिए राजस्थान के कांग्रेस प्रभार से मुक्ति चाहते हैं. उन्होंने 25 सितंबर को राजस्थान के घटनाक्रम को भी चिट्ठी में आधार बनाया है. 


Rajasthan: जानिए- सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच क्या है विवाद, जिसकी वजह से कांग्रेस में पड़ रही है 'फूट'?


दो बड़े कार्यक्रमों से पहले माकन का इस्तीफा


दिसंबर में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' राजस्थान पहुंच रही है. वहीं, चूरू जिले की सरदारशहर सीट के लिए उपचुनाव होना है. यात्रा और उपचुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस प्रभारी का इस्तीफा बहुत कुछ कहता है? चर्चा है कि राहुल गांधी की यात्रा से पहले राजस्थान में सबकुछ ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. क्या आचार्य प्रमोद कृष्णम की बात सच होने वाली है जो उन्होंने कुछ दिन पहले जयपुर में कह दी थी. उसी का अब प्रभाव भी दिखने लगा है. 


25 सितंबर को विधायक दल की बैठक में मौजूदा अध्यक्ष खड़गे के साथ अजय माकन पर्यवेक्षक बनकर जयपुर आए थे. गहलोत गुट के विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया था. इसके बाद खड़गे ओर माकन ने दिल्ली जाकर सोनिया गांधी को रिपोर्ट दी थी. अब चर्चा है कि दिल्ली में बैठे आलाकमान जयपुर में अपने 'ख़ास' को भेजकर माहौल को समझने का प्रयास कर रहे है. मतलब आलाकमान अब फैसले लेने लगा है.