राजस्थान में एक इलाका ऐसा भी है जहां आमतौर पर लोग जाने से भी कतराते हैं, वहां स्कूली बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. कुंभलगढ़ क्षेत्र के मोरचा गांव स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल फराट के विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को इन दोनों काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जुलाई महीने में हुई बारिश के बाद से स्कूल जाने वाले मार्ग से पहले एक नाला काफी तेज गति से बहने लगता है, जिसके चलते कई बच्चे इस नाले को पार नहीं कर पाते हैं. 

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यह नाला करीब 3 महीने तक बहता रहा है, जो कि इस महीने भी चल रहा है. ऐसे में इन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए यहां के शिक्षक नाले से पहले श्मशान घाट के प्रतिक्षालय पर इन्हें पढ़ाने के लिए मजबूर हैं. इस नजारे को जैसे ही देखा गया तो लगा कि जहां लोग आने से भी कतराते हैं, ऐसे में यह बच्चे कैसे यहां पढ़ पाते होंगे. लेकिन शिक्षक मजबूरी में इन्हें पढ़ाकर उनके भविष्य के बारे में सोच रहे हैं. शिक्षक नूतन बैरवा और नाथू सिंह यहां बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

हर रोज श्मशान के पास पढ़ रहे हैं 15 बच्चे

स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक दिनेश बैरवा का कहना है कि इस स्कूल में 38 बच्चे पढ़ते हैं, जो कि 1 से 5वीं तक की कक्षा में हैं. इनमें से जो नाले से पहले रहते हैं, उनमें 15 बच्चों को श्मशान के पास पढ़ाया जा रहा है, वहीं बचे हुए 23 बच्चों को नाले के पार स्कूल में अन्य शिक्षक नाथू सिंह पढ़ाते हैं. यहां पर सुबह साढ़े सात बजे से 1 बजे तक पढ़ाने के बाद शिक्षक नाले पार करते हुए करीब आधा किलोमीटर पैदल चलते हैं और अपनी अटेंडेंस स्कूल में लगाकर आते हैं.

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हर साल रहती है यही समस्या

शिक्षक का कहना है कि यह समस्या कई साल से इस स्कूल में आ रही है, जिसके चलते जैसे ही बारिश का सीजन शुरू होता है, यह नाला तेजी से बहने लगता है. ऐसे में बच्चों की शिक्षा काफी प्रभावित हो जाती है, लेकिन फिर भी आनन-फानन में उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने की कोशिश की जा रही है. यह समस्या जुलाई में शुरू होती है और सितंबर पूरे माह हर साल रहती है.

संपर्क पोर्टल पर कर चुके शिकायत लेकिन नहीं हुआ निस्तारण

शिक्षक दिनेश का कहना है कि करीब 4 साल पहले संपर्क पोर्टल पर इस पूरे मामले की शिकायत डाली गई, लेकिन इसके बाद पंचायत ने संबंधित विभाग को इसके बारे में लिख दिया, लेकिन वहां से अभी तक कोई जवाब नहीं आया. इस स्कूल में दिनेश बैरवा 2017 यानी करीब 8 साल से सेवा दे रहे हैं, वहीं दूसरे शिक्षक नाथू सिंह 1999 से यहां पर बच्चों के लिए शिक्षा पर काम कर रहे हैं.

सीबीओ ने कहा निस्तारण हो तो बच्चों को होगी सुविधा

इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा विभाग के सीबीओ नूतन प्रकाश जोशी ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है कि इस तरीके की बच्चों को समस्या हो रही है. ऐसे में अगर पुलिया और रोड का काम सही पूरा हो जाता है, तो बच्चों को आने-जाने में असुविधा नहीं होगी. साथ ही पूरे मामले को मैं और दिखलाऊंगा.

सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट