Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर जिले के खोह थाना इलाके में पसोपा गांव के पास पहाड़ियों से खनन बंद करने की मांग को लेकर पिछले 24 घंटे से ज्यादा समय से एक साधू मोबाइल टावर पर चढ़े हुए हैं. खनन बंद करने की मांग को लेकर पिछले डेढ़ साल से साधु धरने पर बैठे हैं.  साधुओं की मांग है कि इस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित किया जाए और सरकार लिखित में हमें ये आश्वासन दे. वहीं धरना स्थल के पास अधिकारी कैंप लगाकर बैठे हैं. उन्होंने साधुओं को मनाने का भरसक प्रयास किया लेकिन साधू अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.


खनन बंद हुआ तो कांग्रेसियों को हो सकता है बड़ा नुकसान


साधू नारायण दास को मोबाइल टावर पर चढ़े आज दूसरा दिन हो गया है. प्रशासन की समझाइश के बाद भी साधू टावर से नीचे आने को तैयार नहीं है. साधू की मांग है कि इलाके को वन क्षेत्र घोषित करने और खनन बंद करने का लिखित में आदेश चाहिए उसके बाद ही नीचे वह नीचे आएगा. अगर सरकार साधुओं की बात मानती है तो खनन कार्य बंद हो जाएगा.


बता दें कि दो दिन पहले  कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और साधुओं के बीच सकारात्मक वार्ता हुई थी लेकिन उसके दूसरे दिन सुबह साधु नारायण दास वहां लगे मोबाइल टावर पर चढ़ गया. बाबा को समझाने की कोशिश में अधिकारी और मंत्री जुटे हुए हैं मगर कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. 


पांच तहसीलों में इंटरनेट सेवा बंद 
खनन कार्य बंद कराने की मांग को लेकर साधु संतों के आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने नगर, कामां, पहाड़ी, डीग और सीकरी पांच तहसीलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है. धरना स्थल पर सभी प्रशासनिक अधिकारी और करीब 15 थाना प्रभारी तैनात हैं. साधु बाबा नारायण दास के टावर पर चढ़ने के बाद संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने आदेश जारी करते हुए नेट सेवा को बंद कर दिया है. जानकारी के मुताबिक आज कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और साधू संतों के बीच फिर से वार्ता हो सकती है.


वार्ता के बाद भी क्यों चढ़ा टावर पर साधू 


मंत्री व प्रशासनिक अधिकारीयों से वार्ता में शामिल बाबा राधाप्रिय का कहना है कि हमारी मंत्री विश्वेन्द्र सिंह से वार्ता सफल रही थी. एक दो दिन में फिर वार्ता होनी थी लेकिन संत नारायण दास टावर पर चढ़ गया है और किसी की भी बात सुनने को राजी नहीं है. बाबा नारायण दास का कहना है कि 9 महीने पहले भी हमारी बात मुख्यमंत्री से हुई थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उल्टा खनन की गति चार गुना बढ़ गई है, जहां खनन के लिए पहले दो क्रेशर थे वो अब बढ़कर 16  हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जिस जगह को हम बचाने की कोशिश कर रहे है वहां तेजी से पहाड़ियों को खत्म किया जा रहा है. यही कारण है कि साधू का नाराज होकर टावर पर चढ़ गए.


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