Rajasthan Politics News: राजस्थान से 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) जाने के बाद कांग्रेस (Congress) नेताओं में एक बार फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी (Harish Chowdhary) ने बयान देते हुए कहा था कि राजस्थान में तीसरी पार्टी सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की प्रायोजित पार्टी है.
इस बयान के बाद राजस्थान कांग्रेस पार्टी में कलह खुलकर सामने आ गई है. दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बाद तीसरी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी उभरती हुई पार्टी है. वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा, "हरीश चौधरी ने जो बयान दिया वह मैंने सुना उसने मेरा नाम लेकर तो नहीं दिया, लेकिन अभी गला फाड़-फाड़ कर चिल्ला रहा है."
हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा,"उनका गला बैठा हुआ है, मैं बता देता हूं कि हरीश चौधरी का गला इसलिए फटा और बैठा हुआ है, क्योंकि उन्होंने कॉलेज व यूनिवर्सिटी की राजनीति से लेकर आज तक अशोक गहलोत के ही नारे लगाए हैं. जहां तक आरएलपी की बात कर रहे हैं तो मैं यह बता देता हूं कि गहलोत के बेटे को आरएलपी ने हराया आरएलपी पार्टी ने महेश जोशी, महेंद्र से लेकर तमाम गहलोत के नजदीकी रहे नेताओं का विरोध सड़क से लेकर सदन तक किया."
आरएलपी किसानों के लिए लड़ाई लड़ी- बेनीवालहनुमान बेनीवाल ने आगे कहा, "आरएलपी वो पार्टी है, जिसने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी. आरएलपी ने किसानों के लिए दिल्ली में लड़ाई लड़ी व जवानों के लिए अग्निवीर के लिए लड़ाई लड़ी थी. भ्रष्टाचार के लिए राजस्थान में विपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. आरएलपी को हरीश चौधरी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. आरएलपी पार्टी कैसे बनी क्यों बनी उसका कुछ भी उसको पता नहीं है.
हरीश चौधरी ने मेरे हाथ पाव जोड़े- बेनीवालहनुमान बेनीवाल ने कहा, "पिछली बार 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान इसने मेरे आगे हाथ पांव जोड़े थे. जब मैंने फार्म नहीं भरा अगर मैं फार्म भरता तो यह हार जाता फिर भी आरएलपी पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी, जिससे यह बौखला गए हैं. यह जिस तरह से अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं मुझे तो लगता है कि हरीश चौधरी भारतीय जनता पार्टी में जाना चाह रहा हैं. सांसद हनुमान बेनीवाल ने बताया कि बायतु में मुझ पर जानलेवा हमला किया गया उस हमले में हरीश चौधरी का भाई व बाड़मेर के कई राजनेता भी शामिल थे."
बेनीवाल ने आगे कहा, "यह चाहते थे कि हनुमान बेनीवाल बाड़मेर नहीं आएं, क्योंकि यह बाड़मेर के किसानों और जवानों को जगा रहा है, एकजुट कर रहा है. इस मामले की एफआईआर दर्ज नहीं होने पर इसको मैं संसद तक लेकर गया था. अब इस घटना की पुलिस जांच कर रही है. सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पंजाब में प्रभारी रहते हुए इन पर रुपये लेकर टिकट बेचने के आरोप लगे थे. ईडी की रेड से डरकर अनर्गल बयान दे रहा है बीजेपी में जाने के लिए."