Rajasthan News: कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद नामांकन से ठीक पहले राजस्थान में उठे सियासी बवाल के बीच विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में पार्टी के तीन दिग्गज नेताओं को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. अनुशासनहीनता के आरोप में सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी, यूडीएच व संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन (RTDC) चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस भेजने के बाद से ही सूबे की सियासत गर्म है. विपक्षी दलों के अलावा सत्ता पक्ष के नेता भी अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. चारों तरफ से अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है, ताकि दूसरों को भी सबक मिले और फिर कोई ऐसी हिमाकत न करे. सभी को इस बात का इंतजार है कि क्या इन तीन नेताओं पर पार्टी की गाज गिरेगी, या सत्ता में प्रमुख पदों पर आसीन इन नेताओं की लाज बचेगी. इन चर्चाओं के बीच नोटिस देने वाले कांग्रेस अनुशासन समिति सदस्य तारिक अनवर (Tariq Anwar) का बयान सामने आया है.
'जवाब संतोषजनक तो करेंगे माफ'
तारिक अनवर ने मीडिया से बातचीत में कहा, "तीन नेताओं को नोटिस भेजा था. अभी किसी ने जवाब नहीं दिया है. जो नोटिस दिया गया है, उसमें इन नेताओं पर आरोप लगे हैं और उनके बारे में जो बातें कही गई हैं उनका जिक्र है. हम लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि वो लोग इसका क्या जवाब देते हैं. जवाब आने के बाद कमेटी की बैठक होगी. अगर लगेगा कि उनका जवाब संतोषजनक है तो फिर उन्हें माफ भी किया जा सकता है." यह बयान सामने आने के बाद राजनीति के चाणक्य मान रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता वापसी की ख्वाहिश में आलाकमान इन नेताओं पर नरमी दिखाएगा. अगर कोई सख्त कार्रवाई हुई तो पार्टी को इसका बड़ा नुकसान हो सकता है.
जोशी बोले- 'मेल से मिला नोटिस'
दरअसल पिछली 25 सितंबर को समानांतर बैठक करने के दो दिन बाद 27 सितंबर को कांग्रेस पार्टी ने जोशी, धारीवाल व राठौड़ को नोटिस भेजे थे. कुछ ही देर बाद यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गए. इसके बावजूद जोशी नोटिस मिलने की बात नकारते रहे. 6 अक्टूबर को अनवर ने जोशी को ई-मेल पर नोटिस भेजा. इसके बाद जोशी ने नोटिस मिलने की बात स्वीकारते हुए शुक्रवार को जवाब देने की बात कही.
सीएम गहलोत ने भी मांगी थी माफी
25 सितंबर को जयपुर में हुए सियासी घटनाक्रम पर सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी माफी मांगी थी. 29 सितंबर को गहलोत ने दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की और माफी मांगी. इस घटना से आहत गहलोत ने अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया था.
तीनों नेताओं पर लगे ये आरोप
कांग्रेस नेता महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को 25 सितंबर 2022 को जयपुर में कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी अजय माकन की ओर से बुलाई गई बैठक से अलग समानांतर बैठक करने और अनुशासनहीनता के आरोप में अलग-अलग नोटिस जारी किए थे. धारीवाल को संसदीय कार्यमंत्री होने और स्टेटमेंट जारी करने के साथ ही अपने आवास पर विधायकों की समानांतर बैठक करने और पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने का दबाव बनाने के आरोप हैं. महेश जोशी को सरकारी मुख्य सचेतक होने के बावजूद विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचने और पार्टी बैठक का बहिष्कार करने के आरोप में दोषी मानते हुए जवाब मांगा है. धर्मेंद्र राठौड़ पर आरटीडीसी चेयरमैन और पीसीसी सदस्य होने के बावजूद सारे लॉजिस्टिकल अरेंजमेंट करने और विधायकों की अन-ऑफिशियल मीटिंग की प्लानिंग करने के आरोप हैं.
दिव्या मदेरणा ने की यह मांग
विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट कर इन तीनों नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने लिखा था कि "सख्त कार्रवाई हो ताकि यह नजीर पेश हो कि कोई किसी भी पद का व्यक्ति अनुशासनहीनता का हिस्सा बने तो उस पर कार्रवाई होगी. पूरे राजस्थान व भारत में यह संदेश जाएगा कोई इस तरीके की पार्टी विरोधी गतिविधियों का हिस्सा बन आलाकमान को ललकारे ,अनुशासनहीनता करेंगे तो उस पर गाज गिरेगी."
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