उदयपुर: केंद्र सरकार की तरफ से गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले 25 जनवरी को पद्म सम्मानों की घोषणाएं की.इसमें उदयपुर संभाग के जन जाति बहुल जिले डूंगरपुर ने रह रहे 70 साल के मूलचंद लोढ़ा पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा.मूलचंद लोढ़ा 70 साल के हैं. वो 30 साल की उम्र में आएएसएस प्रचारक के रूप में डूंगरपुर आए थे. हमेशा सादे कुर्ते-पजामे और चप्पल पहने घूमने वाले में मूलचंद लोढ़ा ने दुखियों की इतनी मदद की कि आज सभी के मुलजी भाईसाहब हो गए हैं.बताया जाता है कि संघ में काम करने के दौरान उन्होंने यहां के हालात देखे तो संघ से अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद यहीं पर रहने की अनुमति मांगी.कोई नहीं जानता कि लोढ़ा जी का परिवार कहा है,कहां से आए हैं.इतना सादा जीवन है कि इस सम्मान की घोषणा के बाद कइयों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वह अपना रोजाना की दिनचर्या में लगे रहे.  


लोगों को रोशनी दे रही है संस्था 


स्थानीय लोग बताते हैं कि जब यहां वह आए तो हर चौथे व्यक्ति में आंखों की समस्या थी.इसके बाद उन्होंने पहले इसी क्षेत्र में काम करना शुरू किया. डूंगरपुर शहर के पाश मझौला गांव से सेवा की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने एनजीओ जागरण सेवा संस्थान बनाया. वर्ष 2008 में जिले के ही वगदारी गांव में एक नेत्र चिकित्सालय बनाया जहां कइयों को रोशनी मिली.सभी का निशुल्क उपचार किया जाता है.इसके अलावा गोविंद गुरु विद्या निकेतन स्कूल की भी स्थापना की, जहां 8वीं कक्षा तक पढ़ाई होती है. महाराणा प्रताप छात्रावास में कक्षा 5वीं से 8वीं तक के करीब 50 छात्र रहते हैं. भोजनशाला बनवाई जहां रोजाना 200 लोगों को निशुल्क भोजन मिलता है. सामुदायिक भवन भी बनाए हुए हैं, जहां लोगों के निशुल्क छोटे आयोजन होते हैं. 


विनम्रता की मूर्ति


लोग बताते हैं कि मूल जी भाईसाहब बिलकुल साधारण व्यक्तित्व के मालिक हैं. दिनभर रोगियों की सेवा में गुजार देते हैं.जब भी किसी से मिलते है तो हाथ जोड़कर झुककर मिलते हैं.इन्होंने मुख्य सेवा में लोगों के मोतियाबिंद पर की है.इनके चिकित्सालय में 17 हजार से ज्यादा लोगों के ऑपेरशन हो चुके हैं.


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