Rajasthan News: राजस्थान के टोंक में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रामविलास चौधरी ने पुलिस पर उनके साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ न सिर्फ मारपीट की उन्हें घसीटकर ले गई. इस मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, जिसमें निवाई डीवाईएसपी रूद्र प्रताप शर्मा, सदर सीआई आशाराम गुर्जर शामिल है. 


वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी ट्वीट करते हुए घटना में सरकार से कार्रवाई की भी मांग की. हुआ यूं कि बुधवार दोपहर सोहेला-डिग्गी मार्ग पर बजरी रॉयल्टी कर्मचारी और ग्रामीणों के बीच मारपीट को लेकर विवाद हो गया था. सूचना पर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रामविलास चौधरी मौके पर पहुंचे थे. और उन्होंने मारपीट की घटना का विरोध जताया तो उन्हें पुलिस बल का सामना करना पड़ा. उनके बोलने पर पुलिस ने उन्हें हाथ पकड़कर घसीटा और काफी दूर खड़ी कार में जबरन डाल दिया. हालांकि विरोध के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. 


 






ग्रामीणों ने लगाया जाम
कांग्रेस नेता के साथ बदसलूकी करने का मामला जिले में तूल पकड़ता हुआ जयपुर तक पहुंच गया. पुलिस की माने तो हाड़ीकला गांव में ग्रामीण और बजरी रॉयल्टी कर्मचारियों के बीच झगड़ा हो गया था. ऐसे में ग्रामीणों ने सोहेला डिग्गी मार्ग पर जाम लगा दिया. ग्रामीण लगातार प्रदर्शन कर रहे थे इसी बीच कांग्रेस नेता रामविलास चौधरी को ग्रामीणों ने बुलाया. इसी बीच उनकी पुलिस से बहस हो गई.


'पुलिस ने गिरेबान पकड़ा'
मामले में पूर्व जिलाध्यक्ष रामबिलास चौधरी ने कहा, "वे ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे थे. जहां पुलिस से बात की जा रही थी. तभी पुलिस ने उल्टा मेरा विरोध शुरू कर दिया. वह एक अपराधी की तरह मुझे पकड़ने लगे और मेरी गिरेबान तक पकड़ ली और मुझे कार में डाल दिया. कुछ कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो उन्हें लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया." कांग्रेस नेता रामविलास चौधरी ने आरोप लगाया कि जिस तरीके से मैंने विरोध किया और पुलिस की कार्रवाई देखी तो ऐसा लगा कि पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है. 


पुलिस ने दी ये सफाई
इधर, पुलिस उपाधीक्षक निवाई रुद्रप्रकाश ने कहा कि टोंक के बरोनी थाना क्षेत्र के हाड़ीखुर्द गांव में बुधवार को रॉयल्टी कर्मचारियों के खिलाफ ग्रामीणों ने सोहेला-डिग्गी स्टेट हाईवे-117 पर ट्रैक्टर लगाकर जाम लगा दिया. रामबिलास अभद्रता कर रहे थे. ऐसे में उन्हें पकड़कर कार में बैठा दिया.


ये है मामला
जानकारी के अनुसार जिले के बरौनी थाना क्षेत्र के हाड़ी कला गांव में बुधवार सुबह 9 बजे रॉयल्टी कर्मचारियों ने एक दुकान में पत्थर फेंककर तोड़फोड़ कर दी थी. वहां दुकान के बाहर खड़े एक युवक से मारपीट की जिससे वह घायल हो गया. उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. कर्मचारियों की गुंडागर्दी से गुस्साए ग्रामीणों ने 10 बजे हाड़ी कला गांव में होकर गुजर रहे सोयला डिग्गी स्टेट हाईवे 117 पर टै्रक्टर व अन्य वाहन लगा कर जाम लगा दिया. जाम से दोनों और वाहनों की कतारें लग गई. घटना और जाम की सूचना पर बरौनी, पीपलू डिप्टी इंदु लोदी पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंची.जहां पुलिस ने ग्रामीणों से जाम हटाने को लेकर समझाइश की. 


इस दौरान ग्रामीण हमला करने वाले रॉयल्टी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे. कुछ देर बाद डिप्टी रूद्रप्रकाश शर्मा मौके पर पहुंचे और लोगों को जाम हटाने के लिए कहा. इस पर ग्रामीण अरे रहे ऐसे में पुलिस ने सख्त रवैया दिखाते हुए दोपहर 12 बजे के करीब लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया.


इस दौरान पुलिस ने एक व्यक्ति का मोबाइल और एक ट्रैक्टर जब्त कर लिया. जाम हटने के करीब 10 मिनट बाद वहां कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व जिला प्रमुख रामविलास चौधरी पहुंचे. इस दौरान चौधरी ने डीएसपी से कहा कि ज्यादा ज्ञान मत दो, यह कहते ही डीएसपी और उनके साथ खड़े पुलिसकर्मी आग बबूला हो गए और उन्हें गाली-गलौज निकालते हुए गिरेबान पकड़कर घसीटते हुए जीप में बिठा दिया. बाद में उन्हें थाने ले जाते समय रास्ते में छोड़ दिया.  


सीएम के करीब माने जाते हैं चौधरी
वहीं पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया. जहां पर पुलिस कांग्रेस नेता रामविलास चौधरी और पुलिस में झड़प भी दिखाई दे रही है. मामले के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी ट्वीट पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सरकार से कार्रवाई की भी मांग की. वही कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रामविलास चौधरी को सीएम गहलोत का करीबी माना जाता है. और वह टोंक में सबसे भरोसेमंद कार्यकर्ता के रूप में हैं. 


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