Rajasthan Health News: वैश्विक कोरोना महामारी के संकट काल में दुनिया के लिए रोल मॉडल बने राजस्थान (Rajasthan) ने अब एक और नया प्रयोग किया है. इससे डायबिटीज के रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी. प्रदेश में पहली बार मरीजों को आर्टिफिशियल पेनक्रियाज इक्विपमेंट लगा है. इक्विपमेंट लगने के बाद लोगों को इंसुलिन कम-ज्यादा होने और इसे इंजेक्ट करने से छुटकारा मिला है. पिछले 17 दिन में 16 लोगों को यह इक्विपमेंट लगाए गए हैं. कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (CGM) और इंसुलिन पंप के बीच कनेक्टिविटी करने से यह संभव हुआ है. 


हालांकि सीजीएम और इंसुलिन पंप पिछले एक दशक से उपयोग में लाए जा रहे हैं, लेकिन दोनों एक साथ काम करें और शरीर को उसी समय पर्याप्त इंसुलिन मिल सके, इस पर शोध चल रहा था. इक्विपमेंट अभी महंगा (करीब 5 लाख रुपये) होने के कारण सभी नहीं लगा पाएंगे. इस दिशा में कई कंपनियां काम कर रही हैं. संभावना है कि नवंबर तक कई कंपनियां इस तरह का प्रोडक्ट बाजार में ले आएंगी. गौरतलब है कि डायबिटीज के मरीजों को रोजाना दिन में एक से दो बार इंसुलिन के उपयोग के लिए शरीर में पंक्चर (छोटा छेद) करना होता है. इस उपकरण से शरीर को जरूरत के अनुसार इंसुलिन मिल सकेगा.




सेंसर चिप बताएगा इंसुलिन की मात्रा


अभी तक डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन पंप और सीजीएम (कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग) से ही बार-बार इंसुलिन लेना पड़ता था. अब दोनों की कनेक्टिविटी कर आर्टिफिशियल पेनक्रियाज क्रिएट किया गया है, यानी सेंसर चिप शरीर में इंसुलिन की मात्रा बताएगा और इंसुलिन पंप उतनी ही मात्रा में शरीर में इंसुलिन दे देगा. अभी तक चल रहे ट्रायल को मंजूरी मिली है और राजस्थान में भी यह 16 लोगों को लगाया गया है.


यूएसएफडीए से एप्रुवल मिलने की उम्मीद


जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिसिन विभाग में कार्यरत सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना के मुताबिक, सीजीएम और इंसुलिन पंप मिलकर ऐसा काम करें कि शरीर को जरूरत पड़ते ही इंसुलिन मिल सके, इस पर लंबे समय से काम हो रहा है. अभी कुछ लोगों को लगाया है, काफी हद तक वे गुड फील भी कर रहे हैं. कंपनी के आर्टिफिशियल पेनक्रियाज इक्विपमेंट को यूएसएफडीए से एक-डेढ़ माह में एप्रुवल मिलने की उम्मीद है. यूएसएफडीए से एप्रुवल मिलने पर लोगों को राहत मिलेगी. कई कंपनियों के आने से कीमतों में भी कमी होगी.


ये भी पढ़ें-


Rajasthan News: स्वास्थ्य सेवाओं में राजस्थान का बड़ा कदम, हेल्थ अकाउंट्स के जरिए अब मरीजों के खर्च पर होगी निगरानी


Jal Jeevan Mission: देश के 50.07% ग्रामीण परिवारों तक पहुंचा नल से जल, जानिए किन-किन जगहों पर पहुंचा जल जीवन मिशन