राजस्थान के जोधपुर जिले के चोखा गांव में रविवार (2 नवबंर) को एक दलित परिवार की शादी से पहले तनाव की स्थिति बन गई. दूल्हे के भाई ने यह आशंका जताई थी कि उनके समाज के लोगों के द्वारा शादी के दौरान युवक को घोड़ी पर नहीं बैठने दिया जाएगा. इस आशंका के चलते उन्होंने समय रहते पुलिस को सूचना दी.
जानकारी के अनुसार, दूल्हे के भाई नरेंद्र कुमार ने पुलिस को सूचित किया कि उनके मकान के पीछे रहने वाले एक युवक ने फोन पर धमकी दी है कि “तुम्हारे भाई की घोड़ी पर बैठकर बारात नहीं निकालने दी जाएगी.”
सूचना पर मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम
इस सूचना के बाद राजीव गांधी थाना पुलिस सक्रिय हुई और एसीपी रोशन मीणा के नेतृत्व में पुलिस की टीम भारी संख्या में मौके पर पहुंची. पुलिस ने गांव में एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की और पूरे पुलिस बल की टीम की मौजूदगी में दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर बारात रवाना की गई.
पुलिस अधिकारी रोशन मीणा ने बताया कि “दूल्हे के भाई की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की गई. गांव में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया था. बारात पूरी तरह शांति और आराम के साथ रवाना हुई.”
दूल्हे के भाई ने प्रशासन का जताया आभार
दूल्हे के भाई नरेंद्र कुमार ने पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “पुलिस ने पूरा सहयोग किया, जिसके चलते बिना किसी विवाद के हमारे समाज की परंपरा के अनुसार घोड़ी पर बैठाकर बारात निकाली जा सकी.”
गौरतलब है कि राजस्थान के कई जिलो के ग्रामीण इलाकों में कभी-कभी दलित समाज की बारातों को लेकर तनाव की घटनाएं सामने आती रही हैं. ऐसे में चोखा गांव की इस घटना में पुलिस की तत्परता से न केवल संभावित विवाद टला, बल्कि सामाजिक सौहार्द का संदेश भी गया.
इस मामले में दूल्हे के भाई के द्वारा शिकायत में किसी भी धमकी देने वाले का नाम का खुलासा नहीं किया गया है वहीं पुलिस ने माहौल ना बिगड़े इसके चलते पुलिस जाप्ते की तैनाती की गई.