Udaipur Excise Officer Murder Case: उदयपुर में 4 साल पहले हुए आबकारी अधिकारी के चर्चित हत्याकांड को लेकर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. आबकारी अधिकारी जसवंत शर्मा की उनकी बेटी और नाती के सामने बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. बेटी और नाती हत्यारों के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उन्होंने एक ना सुनी और लूट की नीयत से यशवंत शर्मा पर वार करते हुए उनकी हत्या कर दी गई थी. वहीं अब कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए पांच हत्यारों जगदीश, रमेश, राजमल, गणेश और दीपक को आजीवन कैद की सजा सुनाई है. सभी उदयपुर के ही रहने वाले हैं.


लिफ्ट देकर लूट की नीयत से की थी हत्या
सूरजपोल थाने में 28 जून 2018 को नेहा शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया था कि 27 जून को वह पिता यशवंत शर्मा और बेटे विहान शर्मा के साथ अहमदाबाद से रवाना होकर रात एक बजे निजी बस से उदयपुर पहुंची. पिता उसे इलाज के लिए अहमदाबाद ले गए थे. बस से वे रेलवे स्टेशन के पास ट्रेवल्स एजेंट के ऑफिस के सामने उतरे और ऑटो के लिए पैदल उदियापोल आने लगे. 


'विरोध करने पर कर दी हत्या'
नेहा के मुताबिक इसी दौरान पीछे से एक वैन आई, जिसमें चालक सहित 4 लोग सवार थे. चालक ने पूछा- कांकरोली चलोगे? पिता ने मना करते हुए कहा- हमें तो सेक्टर-3 जाना है. चालक ने कहा कि 100 रुपए में उन्हें सेक्टर-3 छोड़ देगा. हम तीनों वैन में सवार हो गए, लेकिन चालक वैन को सेवाश्रम रोड की बजाय मत्स्य कॉलेज के पीछे बनी 100 फीट रोड की तरफ ले गया. पिता ने चालक को वैन रोकने को कहा, लेकिन उसने वाहन रोकने के बजाय अपने साथी से कहा कि यह ऐसे नहीं मानेगा. फिर वेन रोकी और समान लूटे. यशवंत शर्मा ने विरोध किया तो वाहन में सवार लोगों ने पिता पर चाकू से वार कर हत्या कर दी.


ऑफिसर स्कीम में लिया था मामला
यह घटना शहर के सूरजपोल थाना क्षेत्र में हुई थी तब वहां पर थानाधिकारी आदर्श कुमार तैनात थे. उन्होंने कहा कि ब्लाइंड मर्डर केस था. आरोपियों तक पहुंचने के लिए इस केस में सबूत इकट्ठा कर कड़ी से कड़ी जोड़कर दस्तावेज तैयार किए. वहीं एफएसएल प्रभारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि घटना स्थल पर मौजूद खून, गाड़ी के टायर के निशान, गाड़ी में मिले खून आदि का मिला पुलिस को मुहैया कराए गए. इससे यशवंत शर्मा को न्याय मिला.


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