प्रेमानंद महाराज व अनिरुद्ध आचार्य महाराज से महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर कई जगह उनका विरोध किया जा रहा है, तो कई जगह उनका समर्थन भी हो रहा है. अब इस दिशा में जोधपुर से ओसियां विधायक ने भी एक बयान दिया है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
राजस्थान के जोधपुर ओसियां क्षेत्र में हाल ही में सती दादी मां मंदिर, हरलाया में आयोजित कार्यक्रम के दौरान, ओसियां बीजेपी विधायक भैराराम सियोल ने नाबालिग लड़कियों और विवाहित महिलाओं के भागकर प्रेम विवाह करने की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की.
विधायक का यह भाषण तेजी से वायरल
विधायक का यह भाषण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और इसे लेकर विभिन्न वर्गों में व्यापक चर्चा शुरू हो गई है. लोग अपने विचार साझा कर रहे हैं. कुछ समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ युवाओं की स्वतंत्रता का पक्ष भी रख रहे हैं.
भैराराम सियोल ने कार्यक्रम में कहा कि लड़कियां ही नहीं, तीन-तीन बच्चों की मां भी तेज रफ्तार से भागकर विवाह कर रही हैं. ऐसी घटनाओं से समाज, संस्कृति और परिवार की नींव पर बुरा असर पड़ रहा है. माता-पिता व परिजन अपनी व्यथा लेकर मेरे पास आते हैं. यह सुनकर मैं बेहद दुखी हूं.
कानून में संशोधन की मांग
भैराराम सियोल ने कहा कि वर्तमान समय में मोबाइल फोन ने नई पीढ़ी को भटकाने का काम किया है. बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी देना जरूरी है, ताकि वे सही दिशा में आगे बढ़ सकें. विधायक सियोल ने मानसून सत्र में इस मुद्दे को विधानसभा में मजबूती से उठाया.
उन्होंने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 5 में संशोधन कर, शादी से पहले माता-पिता की सहमति अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह बदलाव समाज में फैली अशांति को रोकने और परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा.
जन भावना के अनुरूप विशेष उल्लेख प्रस्ताव
सोमवार को राजस्थान विधानसभा में, प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए, विधायक सियोल ने कहा कि क्षेत्र व प्रदेश में नाबालिग लड़कियों और विवाहित महिलाओं को भगाकर शादी करने की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए, विवाह से पूर्व माता-पिता दोनों की सहमति आवश्यक की जानी चाहिए.
उन्होंने जन भावना का हवाला देते हुए कहा कि यह संशोधन न केवल परिवारों को राहत देगा, बल्कि समाज में बढ़ती अशांति और अव्यवस्था पर नियंत्रण भी करेगा. विधायक के इस भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है.
शिक्षा के साथ संस्कारों का समावेश जरूरी है - भैराराम सियोल
एक ओर, कई लोग इसे समाज की रक्षा और पारिवारिक मूल्यों की मजबूती की दिशा में उठाया गया सही कदम बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विवाह के अधिकार पर अंकुश लगाने वाला कदम करार दे रहे हैं. बहस तेज हो गई है, और यह विषय आगामी दिनों में और अधिक चर्चा का केंद्र बन सकता है.
विधायक सियोल ने कहा कि हमें समाज के भविष्य को लेकर चिंतित रहना होगा. शिक्षा के साथ संस्कारों का समावेश जरूरी है. परिवारों की सुरक्षा और बच्चों को सही दिशा देने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए.
आगामी विधानसभा सत्र में गहन बहस होने की संभावना
इस मुद्दे पर आगामी विधानसभा सत्र में गहन बहस होने की संभावना है. देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है, और क्या कानून में संशोधन संभव हो पाता है या नहीं.