Jodhpur News: पश्चिमी राजस्थान के दूर दराज के गांव ढाणी में रहने वाले बच्चों के लिए ऊंट गाड़ियों पर मोबाइल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है. इस मोबाइल लाइब्रेरी से दूरदराज गांव ढाणी में रहने वाले बच्चों को काफी फायदा हो रहा है. ऊंट गाड़ी पर मोबाइल लाइब्रेरी को खूबसूरत तरीके से सजाया गया है. मोबाइल लाइब्रेरी की ऊंट गाड़ी को गुब्बारों और फूलों से सजाकर गांव में घुमाया जा रहा है. जिससे बच्चों में इस लाइब्रेरी में मौजूद किताबें पढ़ने को लेकर जागरूकता फैल रही है.


ऊंट गाड़ियों की मोबाइल लाइब्रेरी गांव में पहुंच चौपाल लगाकर बच्चों को कई तरह की किताबों के बारे में जानकारी भी दे रही है. यह अभियान रूम टू रीड और जिला प्रशासन की पहल से शुरू हुआ है. अंतरराष्ट्रीय रीडिंग कैंपेन के तहत इस मोबाइल लाइब्रेरी की शुरुआत हुई है. मोबाइल लाइब्रेरी की शुरुआत के पीछे का कारण दूर दराज गांव ढाणी में रहने वाले बच्चे ऐसे परिवार से आते हैं. जो मोबाइल का खर्च नहीं उठा सकते है. उन सभी बच्चों के लिए मनोरंजन शिक्षा विज्ञान इंग्लिश सहित कई तरह की अलग-अलग जानकारी की किताबें इस मोबाइल लाइब्रेरी में उपलब्ध है. जिससे पढ़ने के लिए बेसब्री से बच्चे इंतजार भी करते हैं.


हिंदी मीडियम स्कूलों को इंग्लिश मीडियम किया गया
राजस्थान में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए राजस्थान की गहलोत सरकार लगातार प्रयास कर रही है. प्रदेश में हिंदी मीडियम स्कूलों को इंग्लिश मीडियम किया गया है. साथ ही स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई नवाचार किया जा रहे हैं. दूरदराज गांव ढाणी में रहने वाले बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए जागरूक किया जा रहा है. इसी सिलसिले में ‘कैमल कार्ट पुस्तकालय ’ बच्चों के लिए मनोरंजन के साथ-साथ अलग-अलग तरह की किताबों की लाइब्रेरी लेकर गांव ढाणी में पहुंच रही है.


500 के करीब कहानी पुस्तकें उपलब्ध है
रूम टू रीड इंडिया जोधपुर ज़िले में शिक्षित भारत कार्यक्रम (नेशनल इनीशिएटिव फ़ॉर प्रोफ़िशिएन्सी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी) की क्षेत्र में काम कर रहा है, यह ‘कैमल कार्ट पुस्तकालय भी इसी दिशा में एक प्रयास है. रूम टू रीड इंडिया देश तथा वैश्विक स्तर पर शिक्षा को बढ़ावा देने वाला संगठन है, इसी क्रम में रूम टू रीड ने इस ''कैमल कार्ट पुस्तकालय'' चलाया जा रहा है. इस मोबाइल लाइब्रेरी में हिंदी भाषा की 500 के करीब कहानी पुस्तकें उपलब्ध हैं .


पढ़ने-लिखने के प्रति रूचि जगाने के लिए किया जा रहा हैं
यह ‘कैमल कार्ट पुस्तकालय विद्यालयों के बच्चों में पढ़ने-लिखने के प्रति रूचि जगाने एवं पुस्तकों को पढ़ने की आदत बनाने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा हैं. यह चलता फिरता पुस्तकालय एक सप्ताह के लिए लोहावट एवं देचू ब्लॉक के गावं- ढाणीयों एवं स्कूल में जाकर बच्चों को अपनी रूचि की पुस्तके पढ़ने के अवसर दे रहा है. इस अभियान के अंतर्गत सभी स्तर के बच्चों को ‘कैमल कार्ट पुस्तकालय” के पास बैठकर किताबें पढ़ने का अवसर दिया जाएगा. कुछ घंटे एक स्थान पर रुकने के बाद कैमल कार्ट पुस्तकालय अपने अगले स्थान की ओर बढ़ेगा.


शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक कही ये बातें
संयुक्त निदेशक, शिक्षा विभाग जोधपुर भीखाराम प्रजापत ने कहा कि “राजस्थान सरकार प्रदेश में साक्षरता दर को सुधारने का प्रयास कर रही है, इसी क्रम में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद बच्चों में पढ़ने की ललक पैदा करने के लक्ष्य से रूम टू रीड इंडिया जैसे सहयोगियों के साथ मिलकर बच्चों को रोचक तथा आयु-सम्यक साहित्य उपलब्ध करवाने हेतु प्रयासरत है. इस दिशा में कैमल कार्ट पुस्तकालय का प्रयोग एक सराहनीय कदम है. ” आस-पास स्थित प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक समय-समय पर इन कैमल कार्ट पुस्तकालय जैसी पुस्तकें अपने स्कूल ले जा कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रदान कर सकते हैं. रूम टू रीड एवं शिक्षा विभाग जोधपुर के इस प्रयास से बच्चों में अच्छे साहित्य पढ़ने के प्रति रूचि और आदत बनने से नई शिक्षा निति के उद्देश्यों की पूर्ति में सफलता मिलेगी.


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