Rajasthan Politics: राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ पर लगातार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा हमला बोल रहे हैं. चाहे वह चुनावी मंच हो या कोई सभा गोविंद सिंह डोटासरा राठौड़ पर हमला बोलने में पीछे नहीं रह रहे हैं. वहीं नेता प्रतिपक्ष भी नहीं रह रहे हैं. उन्होंने भी इसका जवाब ट्विटर के जरिए दिया है. वहीं अब सियासी गलियारों में ये हलचल है कि क्या ये कोई चुनावी स्टंट है या कुछ और. 


दरअसल, शेखावाटी क्षेत्र में इस बार विपक्ष और सत्ता पक्ष के तीन नेताओं पर बड़ी जिम्मेदारी है. कांग्रेस ने जहां गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है तो वहीं बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष और उप नेताप्रतिपक्ष चूरू से दे दिया है. इसलिए अब लड़ाई शेखावटी के बड़े नेता बनने की होड़ दिखने लगी है. इसी कड़ी में कभी चूरू तो कभी सीकर की चर्चा ये नेता खुद कर रहे हैं. 


राठौड़ चूरू के बहाने शेखावटी को साध रहे 
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में शेखावटी में बीजेपी अच्छा नहीं कर पाई थी. उसमें चूरू जिले में राजेंद्र राठौड़ ने अपनी सीट बचा लिया था. उसके बाद से कांग्रेस के निशाने पर राठौड़ आ गए. उसके बाद राठौड़ को उप नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया था. राठौड़ ने सदन में जोरदार बहस की है और पार्टी की तरफ से मुद्दों पर मजबूती से पक्ष भी रखा. इसी बीच चूरू जिले में शरदारशहर में एक उपचुनाव हुआ और बीजेपी हार गई. फिर से राठौड़ कांग्रेस के निशाने पर आ गए. मगर अब राजेंद्र राठौड़ नेता प्रतिपक्ष हैं. ऐसे में चूरू के सहारे पूरे शेखावटी में राठौड़ एक बार बड़े नेता के तौर पर सामने आने की तैयारी में हैं.


डोटासरा भी नहीं छोड़ना चाह रहे अवसर 
शेखावटी में चूरू और सीकर दोनों आते हैं. नागौर का कुछ हिस्सा और झुंझुनूं में भी गोविंद सिंह डोटासरा अपनी पकड़ बनाने की तैयारी में है. डोटासरा लगातार राठौड़ पर तब से ज्यादा हमले बोल रहे हैं जब उन्हें नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया है. डोटासरा सतीश पूनियां के मुद्दे को भी खूब भुनाने में लगे हैं. जनता को यह बात बताने की कोशिश हो रही हैं कि कांग्रेस ने ज्यादा इज्जत दी है न की बीजेपी ने. इसी रणनीति के तहत लगातार कांग्रेस राठौड़ और पूनियां पर हमले बोल रही है. 


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