Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधान सभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी (Congress) ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट हाल ही में जारी की है. जिसमें कांग्रेस के कुल 76 प्रत्याशियों के नाम हैं. कई दिग्गजों के नाम इन लिस्टों में आ चुके हैं. मगर, तीन नाम ऐसे हैं जिनपर चर्चा छिड़ी हुई है. पार्टी की तरफ से उनको टिकन न दिए जाने के पीछे कई वजहें बताई जा रही है. मगर, सबसे बड़ी वजह जयपुर (Jaipur) में 25 सितंबर 2022 को हुए घटनाक्रम की चर्चा हो रही है. जिसमें कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) का एक वीडियो आया था.


जिसमें वो कहते हुए नजर आये थे कि कौन आलाकमान, यहां तो अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ही आलाकमान हैं. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान की तरफ से नोटिस भी दिया गया था. उसके बाद की स्थिति कुछ स्पष्ट नहीं हो पाई है. मगर, कैबिनेट मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi), कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) और धर्मेंद्र राठौड़ (Dharmendra Rathore) को अभी तक टिकट नहीं मिला है. जबकि, ये तीनों टिकट की लाइन में है. वहीं महेश जोशी ने कहा कि आलाकमान जो करेगा सही करेगा. मुझे आलाकमान पर पूरा विश्वास है. 


पहली बार सबकुछ आया सामने 


दरअससल, पहली बार कांग्रेस में आलाकमान को चुनौती दी गई है. नहीं तो एक लाइन का प्रस्ताव पास कर दिया जाता था और उसी पर काम फाइनल हो जाता था. मगर, 25 सितम्बर को जो हुआ वो अप्रत्याशित था. उसके बाद से दिल्ली में बैठे आलाकमान ने भी यहां पर नजरें गड़ा दी थी. राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शर्मा कहते हैं कि पहले तो केन्द्रीय चुनाव समिति में क्या बात हुई,  उसकी कोई जानकारी बाहर नहीं आती थी. यहां तक की दिल्ली केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में हुई बातचीत को राजस्थान में कार्यालय से पता चलता था. दिल्ली से लिस्ट जयपुर आती थी और वहीं से पता चलता था. मगर, पहली बार ऐसा हो रहा है कि केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक की पूरी बातें सामने आ जा रही हैं. दिल्ली आलाकमान इसपर नजर बनाए हुए हैं. 


आलाकमान और यहां के नेता 


राजस्थान में इस बार कांग्रेस ने टिकट देने से पहले कई सर्वे कराये और टिकट देने में कई नियमों का हवाला दिया. मगर, अब जो लिस्ट जारी हो रही है उसमें वो बातें नहीं दिख रही हैं. फिर वहीं सब पुराने नाम और चेहरे दिख रहे हैं. राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ का कहना है कि कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक की बातें सामने आ रही हैं. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है. वैसे यहां पर पहले भी हर चुनाव में कोई न कोई चेहरा आलाकमान की नजर में रहता है. उसपर चर्चा और बातें होती है और फिर मामला सही हो जाता है. यह कोई नई बात नहीं है. 


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