Rajasthan News: देश के संवैधानिक पदों पर अब राजस्थान का दबदबा दिखेगा. पहली बार लोकसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति राजस्थान से होंगे. बीजेपी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक दांव खेला है. एनडीए की तरफ से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि उपराष्ट्रपति राजस्थान से पहले भी बन चुके हैं.


सर्वोच्च पदों पर पहली बार राजस्थान के दो दिग्गज


भैरों सिंह शेखावत 2002 से 2007 तक देश के उपराष्ट्रपति रहे थे. उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत से जगदीप धनखड़ राजस्थान के दूसरे उपराष्ट्रपति बनेंगे. बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए 19 जुलाई को नामांकन होंगे. 6 अगस्त को मतदान और उसी दिन मतगणना होगी. हालांकि उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों की तरफ से प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है. राजस्थान के कोटा- बूंदी संसदीय क्षेत्र से ओम बिरला सांसद और लोकसभा अध्यक्ष भी हैं.


बिरला छात्र राजनीति से उभरे और 1979 में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने. 2003 में कोटा (दक्षिण) सीट से पहला विधानसभा चुनाव जीता और 2008 में फिर से विधानसभा सदस्य बने. 2013 में तीसरी बार विधानसभा पहुंचे. पार्टी ने कोटा-बूंदी क्षेत्र से 16वीं और 17वीं लोकसभा के लिए टिकट दिया. बिरला दोनों बार लाखों वोट से विजय रहे. बीजेपी ने दूसरी बार संसद सदस्य बनने पर लोकसभा स्पीकर के पद पर बिठाया. बिरला 17वीं लोकसभा के 17वें लोकसभा अध्यक्ष चुने गए. 


झुंझुनू जिले के किठाना गांव में गोकल चंद और केसरी देवी के घर 18 मई 1951 को जगदीप धनखड़ जन्मे थे. धनखड़ की प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा 1 से 5 तक) किठाना गांव के ही सरकारी प्राथमिक स्कूल में हुई. वर्ष 1962 में चितौड़गढ़ के सैनिक स्कूल एंट्रेंस टेस्ट में सफलतापूर्वक पास होने के बाद 5वीं क्लास में एडमिशन लिया. जगदीप धनखड़ सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से पास होकर निकलने के बाद 3 वर्षीय BSc फिजिक्स कोर्स में राजस्थान यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड महाराजा कॉलेज में एडमिशन लिया और ग्रेजुएशन पूरा किया. उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से वर्ष 1978-1979 में  
LLB कोर्स पूरा किया. 


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कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर राजनीति में उतरे धनखड़


कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद जगदीप धनखड़ ने राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी थी. वर्ष 1989 में 9वीं लोकसभा के चुनाव में जनता दल के टिकट पर झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से विजय होकर संसद पहुंचे. लोकप्रियता के कारण धनखड़ को 1990 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया. साल 1993 से 1998 तक अजमेर जिले के किशनगढ़ क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए. धनखड़ लगातार राजनीति में सक्रिय रहे. 20 जुलाई, 2019 को जगदीप धनखड़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया. 


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