Voluntary Retirement: राजस्थान सरकार के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में इतने मेडिकल कॉलेज हो गए हैं कि आने वाले समय में चिकित्सकों की कोई कमी नहीं रहेगी. डॉक्टर्स के वीआरएस लेने को गहलोत सरकार ने हरी झंडी दे दी है. राजस्थान की गहलोत सरकार ने प्रदेश में डॉक्टर्स के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary retirement) लेने पर लगी पाबंदी को हटा दिया है. अब प्रदेश में कोई भी डॉक्टर आसानी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले सकता है.
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर लगी रोक हटी
बार-बार सरकारी नौकरी छोड़ने का आवेदन कर प्रेशर बनाने वाले डॉक्टर्स को नौकरी से बाहर करने का गहलोत सरकार ने रास्ता साफ कर दिया है. राजस्थान सरकार ने अब डॉक्टर्स के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary retirement) लेने पर लगी रोक हटा ली है. प्रदेशभर में पिछले तीन माह में वीआरएस के लिये सिर्फ 10 मामले ही सामने आए हैं. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि वीआरएस (VRS) लेने का हल्ला ज्यादा मचा था जबकि कोई इसे लेना ही नहीं चाहता है.
चिकित्सा मंत्री ने कही ये बात
कभी काम के बोझ का बहाना तो कभी निजी अस्पतालों में अच्छी सैलरी और सुविधा का तंज कस कर वीआरएस की मांग करने वाले डॉक्टर्स को अब सरकार ज्यादा दिनों तक रोकने के मूड में नहीं है. स्वास्थ्य विभाग ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर लगी रोक को हटा लिया है. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि जो काम ही नहीं करना चाहते और वीआरएस लेना चाहते हैं उनके लिए रोक हटा ली है.
अपनी मनमर्जी से काम करने लगे थे कई डॉक्टर
दरअसल राजस्थान में चिकित्सकों की कमी के चलते बीते कई बरसों से डॉक्टर्स के वीआरएस लेने पर रोक लगी हुई थी. इसका कई चिकित्सक बेजा फायदा उठाने लग गये थे. कई डॉक्टर्स वीआरएस ले लेने का प्रेशर बनाकर अपनी मनमर्जी से काम करते थे. ऐसे में अब चिकित्सा मंत्री ने अब वीआरएस पर लगी रोक हटा ली है. पिछले तीन माह प्रदेश में डॉक्टर्स के वीआरएस के महज 10 ही आवेदन आए हैं.
ये भी पढ़ें-