New Guidelines Corona In Rajasthan: राजस्थान में कोरोना को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी किया है. सभी जिला कलक्टर को अलर्ट भी कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. पृथ्वी की अध्यक्षता में कोविड प्रबंधन की समीक्षा और विस्तृत तैयारियों को लेकर शुक्रवार को सुबह 11 बजे स्वास्थ्य भवन में बैठक आयोजित की जाएगी. इस महत्वपूर्ण बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की जायेगी.


किसी भी चुनौती से निपटने के लिए है तैयारी


स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने बताया कि राजस्थान में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर से लेकर सभी आवश्यक संसाधन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. राज्य किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम और रोगियों के उपचार का बेहतरीन प्रबंधन किया गया है. राजस्थान के कोविड प्रबंधन की पूरे देश में प्रशंसा हुई है और प्रदेश में कोविड केस की मॉनीटरिंग और सेम्पलिंग का कार्य निरंतर जारी है. सचिव द्वारा प्रदेश के सभी पॉजीटिव केसेज में नये वेरीएंट की पहचान के लिए सैंपल को जीनोम-सिक्वेंसिंग प्रयोगशालाओं में भेजने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को जारी किये जा चुके हैं.


ये है गाइडलाइन



  • स्क्रीनिंग: जिले में एक्टिव सर्विलेंस के माध्यम से प्रभावी घर-घर सर्वे कर आईएलआई रोगियों की पहचान कर वांछित कार्रवाई की जाए.

  • ओपीडी स्कीनिंग: ओपीडी में आने वाले संदिग्ध रोगियों का सैंपल लेकर कोविड की जांच कराएं और ओपीडी में आने वाले SARI रोगियों की पहचान कर उनकी जांच और उपचार किया जाए.

  • जीनोम सीक्वेसिंग: समस्त मेडिकल कॉलेज और निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर जीनोम सीक्वेसिंग हेतु सभी कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के सैंपल की व्यवस्था की जाए.

  • रेंडम सैंपलिंग: रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, सब्जी मंडी, विद्यालय और अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में कोविड लक्षणों वाले संदिग्ध रोगियों की रेंडम सैंपलिंग करवाई जाए.

  • हाई रिस्क ग्रुपः एक्टिव सर्वे और ओपीडी में आने वाले हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान कर तुरंत उपचार करवाना है.

  • दिशा-निर्देशों का पालन: भारत एवं राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी समस्त निर्देशों स्क्रीनिंग, सैंपल कलेक्शन, रेंडम सैंपलिंग, उपचार, डिस्चार्ज इत्यादि का पालन सुनिश्चित किया जाय.

  • अन्तर्विभागीय समन्वयः जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में अन्य विभागों यथा-पुलिस, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, नगर-निगम, आयूष, आईएमए से अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुये समय-समय पर आवश्यकतानुसार कोरोना वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए समीक्षा की जाए.

  • आरआरटी: प्रत्येक संस्थान पर गठित रेपिड रेस्पॉस टीम को कार्यशील रहने के निर्देश दिए हैं.

  • लॉजिस्टिक: समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों को लॉजिस्टिक और दवाईयों की उपलब्धता तय किया जाय.

  • प्रचार-प्रसार: घर-घर सर्वे के दौरान कोविड और अन्य मौसमी बिमारियों के लक्षण और उससे बचने के उपाय के साथ-साथ विभागीय स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं का प्रचार-प्रसार कर आमजन को जागरूक करना है.

  • नियंत्रण कक्ष: जिला और खण्ड पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को कार्यशील रखें और उक्त से आमजन बताया जाय.


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