राजस्थान में विपक्ष में बैठी कांग्रेस में क्या इन दिनों सब कुछ ठीक है? फिलहाल विधानसभा सत्र जारी है, लेकिन इसी बीच पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का एक बयान चर्चाओं में है. इस बयान में प्रताप सिंह खाचरियावास एक निजी कार्यक्रम में बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसमें उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा.
प्रताप सिंह खाचरियावास अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं और इस बार स्मार्ट मीटर के मुद्दे को लेकर उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं को कहा कि वह ज्यादा शाणे बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के नेता भी इस मामले में जनता का साथ नहीं दे, तो इनका भी इलाज कर देना.
खाचरियावास के बयान की चर्चा अब कांग्रेस में
अब इस बयान से क्या समझा जाए, वो तो प्रताप सिंह खाचरियावास ही जानें, लेकिन मंच पर उस समय जयपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरआर तिवारी और मदरसा बोर्ड चेयरमैन एमडी चौपदार मौजूद थे. सरकार में रहते हुए भी पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का सचिन पायलट को लेकर दिया गया बयान आज भी लोग याद करते हैं.
प्रताप सिंह खाचरियावास का स्मार्ट मीटर को लेकर अपनी ही सरकार के नेताओं को लेकर यह बयान कितना सही या गलत है, वह तो कांग्रेस ही समझ सकती है, लेकिन चर्चा अब उनकी पार्टी के अंदर ही होने लगी है कि आखिर प्रताप सिंह इस बयान के माध्यम से किस पर निशाना साध रहे थे.
दबंग छवि के लिए जाने जाते हैं प्रताप सिंह खाचरियावास
छात्र राजनीति से निकलकर राजनीति में आने वाले प्रताप सिंह खाचरियावास अपनी दबंग छवि के लिए जाने जाते हैं और वह अक्सर हर मुद्दे पर खुलकर बोलते भी हैं. वहीं विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र पारीक भी कोचिंग नियंत्रण बिल मामले में पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर विधानसभा में बयान दिया था.
इससे उनकी ही पार्टी के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की, जिसके बाद मामला बड़ा और फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को बयान देना पड़ा. डोटासरा ने पूर्व मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि यदि वह किसी मुद्दे को लेकर बोलना चाहते थे, तो उससे पहले अपनी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष को भी सुनना चाहिए.
पीसीसी चीफ के रुख पर सबकी नजरें टिकीं
लेकिन अब प्रताप सिंह खाचरियावास ने स्मार्ट मीटर को लेकर अपने ही पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़ा कर दिया है, कि जो स्मार्ट मीटर पर जनता का साथ नहीं दे, जनता इसका इलाज कर दे. ऐसे में क्या इस बयान को भी पार्टी लाइन के विपरीत माना जाएगा?
वहीं प्रताप सिंह खाचरियावास के इस बयान के बाद पीसीसी चीफ का क्या रुख रहता है, यह देखने वाली बात होगी.