Rajasthan Congress MLA Girraj Singh Malinga Bail: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने विद्युत निगम के एईएन से मारपीट के मामले में बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा (Girraj Singh Malinga) और एक अन्य आरोपी रोशन को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने ये आदेश आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. जमानत याचिका में अधिवक्ता रजनीश गुप्ता और सुधीर जैन ने बताया कि आरोपी को प्रकरण में राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया है. इसके अलावा मेडिकल बोर्ड का ऐसा कोई ओपिनियन भी पेश नहीं है, जिससे ये साबित हो कि संबंधित कर्मचारी को प्राण घातक चोटें आई हों. संबंधित कर्मचारी की कार्यप्रणाली के चलते प्रार्थी ने उसके तबादले की सिफारिश की थी. इसके अलावा मौके पर कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें प्रार्थी विधायक होने के नाते शामिल हुआ था. मारपीट में उसका कोई हाथ नहीं है और उसे ये भी जानकारी नहीं थी कि संबंधित कर्मचारी एससी या एसटी वर्ग का है, ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. 


सीएम गहलोत के कहने पर किया सरेंडर 
वहीं, पीड़ित पक्ष की ओर से कहा गया कि आरोपी प्रभावशाली विधायक है और उसने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर ही सरेंडर किया था. उसके खिलाफ कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, ऐसे में यदि उसे जमानत दी गई तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकता है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.


लाठी-डंडों से की मारपीट 
गौरतलब है कि, बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय में एईएन पद पर तैनात पीड़ित ने गत 31 मार्च को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि कार्यालय में मीटिंग के दौरान कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और करीब आधा दर्जन लोग आए और उसके साथ मारपीट की. विधायक और उसके साथ पहुंचे लोगों ने जातिसूचक गालियां देते हुए महुआ के खेड़ा गांव से ट्रांसफार्मर उतारने की धमकी दी और लाठी-डंडों से मारपीट की. 


राजस्थान हाईकोर्ट में लगाई थी जमानत की अर्जी
मलिंगा के निजी अधिवक्ता रवि पचौरी ने बताया कि 11 मई को विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सीएम हाउस पर वार्ता कर सरेंडर किया था. सीआईडी सीबी की टीम विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को धौलपुर सदर थाने लेकर पहुंची थी. विधायक की गिरफ्तारी कर सीआईडी सीबी ने 12 मई को धौलपुर एससी एसटी कोर्ट में पेश किया था. धौलपुर एससी एसटी कोर्ट ने विधायक की दलीलों को खारिज करते हुए 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए थे. विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर जिला कारागार की जगह उन्हें जिला अस्पताल के कोरोना सेंटर में शिफ्ट किया गया था. इस दौरान विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने जमानत की अर्जी राजस्थान हाईकोर्ट में लगाई थी.


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