Rajasthan Politics: राजस्थान (Rajasthan) का बजट सत्र (Budget Session 2023) नजदीक आने के साथ ही जिलों की मांग भी तेज होने लगी है. सूबे में सत्ता पक्ष कांग्रेस (Congress) के नेता भी जिले की लगातार मांग कर रहे हैं. अपने शहर को जिला बनवाने के लिए उलझ भी रहे हैं. अजमेर (Ajmer) में ब्यावर (Beawar) को जिला बनाने की मांग बरसों पुरानी है. अब एक और क्षेत्र केकड़ी को जिला बनवाने के लिए विधायक रघु शर्मा (Raghu Sharma) ने भी आवाज बुलंद कर दी है. रघु शर्मा की मांग ब्यावर के नेताओं को रास नहीं आ रही है. कांग्रेस नेता और ब्यावर विधानसभा प्रत्याशी रहे मनोज चौहान (Manoj Chauhan) ने अपनी ही पार्टी के विधायक रघु शर्मा पर निशाना साधा है. 


प्रदेश के तेरहवें बड़े शहर की अनदेखी
कांग्रेस नेता मनोज चौहान ने कहा कि ब्यावर राजस्थान का तेरहवां बड़ा शहर है. दुर्भाग्य रहा कि आज तक ब्यावर को जिले का हक नहीं मिल सका. जिले के लिए उन्होंने पिछले बजट सत्र से पहले व्यापक हस्ताक्षर अभियान चलाया था. अनेकों समाज, संस्थाओं और हजारों लोगों ने हस्ताक्षर कर पत्र सौंपे और अभियान का समर्थन किया. बजट से ठीक पहले पार्टी नेताओं ने हस्ताक्षरयुक्त सभी पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को सौंपते हुए जनभावनाओं से अवगत करवाया था. जनता और जनप्रतिनिधियों को उम्मीद थी कि सीएम ब्यावर को जिले की सौगात अवश्य देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.


5 जनवरी से कांग्रेस नेता करेंगे यात्रा
सूबे की सत्ता पर आसीन अपनी ही पार्टी की सरकार से हक मांगने के लिए कांग्रेस नेता चौहान समर्थकों संग पदयात्रा पर निकलनेवाले हैं. चौहान 5 जनवरी को ब्यावर से पैदल राजधानी जयपुर के लिए कूच करेंगे. जयपुर में सीएम गहलोत से मुलाकात कर ब्यावर को जिला बनाने की मांग पुरजोर तरीके से करेंगे. चौहान का मानना है कि सत्ता में लौटने के लिए सीएम गहलोत ब्यावर को जिला अवश्य घोषित करेंगे. ऐसा करने पर ब्यावर का वोट बैंक उनकी झोली में जाएगा. इन दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर निकले हैं. देश-प्रदेश में यात्राओं का दौर जारी है. इसलिए उन्होंने भी पदयात्रा का फैसला लिया है.


सीएम गहलोत को बताया भगवान
चौहान ने सीएम गहलोत को अपना भगवान बताया है. उन्हें उम्मीद है कि भगवान उनकी मांग अवश्य पूरी करेंगे. उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर अभियान के बाद पिछले बजट में ब्यावर जिला बनने की उम्मीद थी लेकिन शायद भक्ति में कमी रह गई थी. हम राजस्थानी हैं और भक्ति में भरोसा रखते हैं. पूरा विश्वास है कि इस बार भगवान अवश्य सुनेंगे और भक्ति का प्रसाद अवश्य देंगे.


रघु शर्मा की जिद को बताया गलत
चौहान ने कहा कि रघु शर्मा को ब्यावर जिला घोषित करवाने के लिए समर्थन करना चाहिए. लेकिन केकड़ी को जिला बनवाने का प्रयास कर रहे हैं. उनकी जिद गलत है. प्रदेश में जिले का पहला हक ब्यावर का है. सभी नेताओं को मिलकर ब्यावर जिले की मांग का समर्थन करना चाहिए. गौरतलब है कि रघु शर्मा ने एक दिन पहले ही अजमेर में कहा था कि केकड़ी लंबे समय से जिले की मांग कर रहा है. अगर केकड़ी को जिला बनाया जाता है तो खुशी होगी.


जिले की दौड़ में किसका नाम आगे?
राजस्थान में 60 शहर जिले की दावेदारी कर रहे हैं मगर दौड़ में चंद नाम प्रमुख हैं. अजमेर जिले में ब्यावर का नाम पहले पायदान पर है. ब्यावर में जिला बनने की शर्तें मौजूद हैं. माना जा रहा है कि नए जिलों की घोषणा होने पर ब्यावर का नंबर पहला होगा. दूसरे नंबर पर बाड़मेर जिले के बालोतरा की लॉटरी लग सकती है. बालोतरा विधायक मदन प्रजापत ने जिला नहीं बनने तक नंगे पैर रहने की घोषणा कर रखी है. पिछले बजट सत्र में बालोतरा को जिला घोषित नहीं करने पर विधायक ने विधानसभा परिसर में ही जूते त्याग दिए थे. ब्यावर और बालोतरा के अलावा सीकर से नीमकाथाना, जोधपुर से फलौदी, नागौर से डीडवाना, जयपुर से कोटपूतली को जिला बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है. 


भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में इस वक्त 33 जिले हैं. 33वां जिला प्रतापगढ़ 15 साल पहले वर्ष 2008 में बना था. तब वसुंधरा राजे सरकार ने इस जिले की घोषणा की थी. इसके बाद मांग तो लगातार बढ़ती गई मगर किसी नए जिले की घोषणा नहीं हुई. वर्ष 1981 तक राजस्थान में 26 ही जिले थे, जो बढ़कर 33 हो गए हैं. आने वाले वर्षों में संख्या 40 तक पहुंच सकती है.


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