राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) की सरकार में शिक्षा विभाग (Rajasthan Education Department) में मंत्रालय द्वारा नई स्थानांतरण नीति (New Transfer Policy) का खाका तैयार कर लिया गया है. इसमें खास तौर से राजस्थान की स्कूली शिक्षा का वातावरण अच्छा बनाने पर ध्यान दिया गया है. शिक्षाकर्मियों की प्रतिवर्ष तबादले के भय की मानसिकता को दूर करने के लिए अब बनाई जा रही नई स्थानांतरण नीति का राज्य महिला आयोग ने स्वागत किया है. 


महिला आयोग अध्यक्ष ने दिया था सुझाव
महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती (Womens Commission President Rehana Riyaz Chishti) ने इस नीति को पारदर्शी बनाने, सभी को समानता का अधिकार देने और विशेष रूप से महिला शिक्षाकर्मियों के हितों की सुरक्षा और परेशानी को लेकर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को सुझाव दिए थे. 


क्या कहा था चिश्ती ने
चिश्ती ने शिक्षा मंत्री (Rajasthan Education Minister BD Kalla) से यह आग्रह भी किया कि नीति को अंतिम रूप देने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, राज्य महिला आयोग और समाज कल्याण व सलाहकार बोर्ड के साथ समन्वय करने के लिए निर्देशित किया जाए. 


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शिक्षा मंत्री ने इसपर क्या कहा
शिक्षा मंत्री ने आयोग अध्यक्ष को अवगत कराया है कि वर्तमान दौर में महिला अध्यापिकाओं के कार्य और जीवन निर्वाह को सुरक्षित बनाने के लिए उनके दिए गए अधिकतर सुझावों को सही मानकर स्थानान्तरण नीति में शामिल करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है.


महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने ये सुझाव दिए हैं-


-गंभीर बीमारी से ग्रसित, विधवा, परित्यक्ता, एकल, अविवाहित महिला कर्मिकों को गृह जिले अथवा निवास स्थान पर पदस्थापित किया जाए.


-जिन दंपतियों की दोनों संतान बालिका हैं उन्हें स्थानान्तरण में प्राथमिकता दी जाए.


-जातिगत भेदभाव मिटाने के लिए अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपतियों को पदस्थापन में प्राथमिकता दी जाए.


-पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ राजकीय सेवा निर्वहन में संतुलन बनाए रखने के लिए पति-पत्नी के राजकीय सेवा में होने के वेरीफिकेशन के बाद एक ही स्थान पर पदस्थापित किया जाए.


-जो महिला कर्मिक वर्तमान में गृह जिले से 100 किमी से ज्यादा दूरी पर हैं उनको गृह जिले में स्थानांतरण में प्राथमिकता दी जाए.


-जिन महिला कार्मिकों के रिटायरमेंट में केवल मात्र 3 वर्ष तक का कार्यकाल शेष रहा हो उन्हें मूल निवास या पैतृक निवास अथवा गृह जिले में पदस्थापित किया जाए.


-गांवों में सेवा करने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाए. महिला शिक्षाकर्मियों के लिए गांवों में सेवा करना चुनौतीपूर्ण होता है. ऐसे में महिला शिक्षाकर्मियों को विशेष ग्रामीण भत्ता दिया जाए और गांवों में अनुकूल वातावरण बनाया जाए.


-महिलाओं के हितों के संरक्षण के लिए तबादला नीति के अंतिम अनुमोदन से महिला बाल विभाग, महिला आयोग और समाज कल्याण एवं सलाहकार बोर्ड अध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श किया जाए.


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