Rajasthan Assembly News: राजस्थान विधानसभा में  बीते छह दिनों से राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही में बना गतिरोध गुरुवार शाम खत्म हो गया. सीएम भजनलाल शर्मा की नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुई बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने सदन की कार्यवाही चलाने पर सहमति जताई. सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि कोई माफ़ी नहीं मांगे मैं पूरे सदन से माफ़ी मांगता हूं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस बयान के साथ ही सदन में जारी गतिरोध समाप्त हो गया. 

विधानसभा अध्यक्ष के कहने पर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने 6 विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया. विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव पारित किया. सभी 6 कांग्रेस विधायकों का निलंबन रद्द किया गया. अब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बजट बहस पर अपना भाषण दे रहे हैं.

बता दें कि गतिरोध के दौरान कांग्रेसी विधायक सदन छोड़ कर सड़कों पर आ गए थे. अंत में सत्तापक्ष की पहल के बाद यह गतिरोध समाप्त हो गया.

गुरुवार सुबह ग्यारह बजे सदन में बिना कांग्रेस के प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई तो विधानसभा के बाहर सड़क पर कांग्रेस के विधायकों की नारेबाज़ी की. एक घंटे से ज़्यादा वक्त तक कांग्रेस ने सत्तापक्ष और स्पीकर के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान कांग्रेस विधायक हाथों में नारे लिखी तख्तियां लहराते रहे. सवा घंटे तक कांग्रेसी विधायकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा और इसके बाद कांग्रेस ने सड़क पर ही मॉक विधानसभा शुरू कर दी.

विधायक घनश्याम मेहर को अध्यक्ष बनाया गया और एक प्लास्टिक की कुर्सी पर उन्हें बैठाया गया. तमाम कांग्रेसी विधायक विधानसभा गेट के बाहर पीछे गद्दों पर बैठ गए और शुरू हो गई समानांतर विधानसभा की कार्यवाही. विधायक एक-एक करके अपने सवाल पूछते रहे और अध्यक्ष बने घनश्याम मेहर चुटीले अंदाज़ में जवाब देते रहे. 

इस दौरान कई बार विधायकों के ठहाके सुनाई दिए. एक विधायक ने जब अध्यक्ष से पूछा कि वो दबाव में क्यों है ? इस पर अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे घनश्याम मेहर ने कहा कि वो तो मंत्री बनना चाहते थे लेकिन उन्हें जबरन स्पीकर बना दिया और उन पर दबाव तो रहता ही है.

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