Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में पिछले चार दिनों से चल रहा गतिरोध खत्म होते होते नया मोड़ आ गया. दरअसल, स्पीकर वासुदेव देवनानी की अनुमति से निलंबित कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा को सदन में बुलाया गया लेकिन उनकी माफी की भाषा पर सत्ता पक्ष ने आपत्ति जताई. पहले खेद कौन जताए इस पर फिर पेच फंस गया.
सदन में कांग्रेस विधायक गोविंद डोटासरा ने कहा कि पहले मंत्री खेद जताएं फिर खेद मैं जताऊंगा. इस पर स्पीकर ने असहमति जताई. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई.
माफी पर फंसा पेचदरअसल, राजस्थान विधानसभा में पिछले चार दिन से चल रहा गतिरोध चल रहा है. कांग्रेस विधायक विधानसभा में धरने पर बैठे हैं. सोमवार को ये गतिरोध टूटने से पहले फिर माफी को लेकर पेंच फंस गया. गोविंद सिंह डोटासरा ने पूरे घटनाक्रम पर तो खेद जाता दिया लेकिन खुद इस घटनाक्रम के लिए माफी नहीं मांगी. स्पीकर ने डोटासरा से कहा कि आप मेरी टेबल तक आने के घटनाक्रम पर खेद तो जताएं.
इस पर इस पर डोटासरा मंत्री से माफी मंगवाने की बात कहने लगे. इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि हमारी वार्ता में यही तय हुआ था कि पहले आप खेद जताएंगे और फिर आगे की कार्यवाही चलेगी. आप समझौते से पीछे हट रहे हैं यह ठीक नहीं है.
डोटासरा बोले पहले मंत्री मांगें माफीस्पीकर देवनानी ने भी डोटासरा के सीधे माफी नहीं मांगने पर कहा कि आपको खुद तो खेद जताना चाहिए. इस पर डोटासरा ने कहा कि मुझे आपकी टेबल तक आने की जरूरत क्यों पड़ी, इसका कारण मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी थी. पहले वह तो माफी मांगें. काफी देर तक चली बहस के बाद विधानसभा स्पीकर ने आधे घंटे तक के लिए सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया.
कांग्रेस ने किया हंगामाइसके बाद पौने तीन बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई. स्पीकर वासुदेव देवनानी ने निलंबित विधायकों को सदन से बाहर भेज दिया. वहीं नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने आधा घंटे तक सदन को स्थगित रखने और निलंबित विधायकों पर विचार को कहा लेकिन स्पीकर ने मना करते हुए सदन में विधायी कार्य शुरू करवा दी. कांग्रेस ने फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया. स्पीकर ने सुरक्षा कर्मियों को आसन के सामने खड़े होने को कहा.
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