Rajasthan Elections 2023: राजस्थान के भरतपुर जिले में सात विधानसभा सीटें हैं. इनमें से एक विधानसभा सीट नदबई (Nadbai Assembly Constituency) है. नदबई विधानसभा में सर्वाधिक वोट जाट समाज का है. नदबई विधानसभा में अनुसूचित जाति के वोट भी हैं. इसके कारण 2003 से बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा है.वहीं 2018 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले जोगिंदर सिंह अवाना ने यहां से जीत दर्ज की थी.


कांग्रेस से भरतपुर राजपरिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह ने 1993 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था. वो भारी बहुमत से जीते थे. उसके बाद से कांग्रेस पार्टी ने नदबई विधानसभा पर कभी जीत नहीं दर्ज कर पाई है. साल 1998 में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी नत्थी सिंह जरूर दूसरे नंबर पर रहे, लेकिन उसके बाद पार्टी हमेशा तीसरे नंबर पर ही रही है. दूसरा स्थान बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी का रहा है.   


लगातार जीती बीजेपी 


नदबई विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर राजपरिवार की सदस्य राजा मान सिंह पुत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा 2003 से 2013 तक दो  बार जीतकर विधानसभा पहुंचीं.कृष्ंद्र कौर दीपा को 2013 में वसुंधरा की सरकार में पर्यटन मंत्री बनाया गया था. लेकिन वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कृष्णेंद्र कौर को हार का मुंह देखना पड़ा था.    


नदबई विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा जाट मतदाता हैं. अक्सर यहां से जाट प्रत्याशी ने ही विजय प्राप्त की है .वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जाट मतदाता बिखर गए और बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी जोगिंदर सिंह अवाना जीत गए. बीजेपी प्रत्याशी कृष्णेंद्र कौर दीपा लगभग 4000 वोटों से हार गईं. बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत कर जोगिंदर सिंह अवाना कांग्रेस में चले गए. 


कैसे जीती बसपा


वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी जोगिंदर सिंह अवाना को 50 हजार 976 वोट मिले तो भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी राजपरिवार की सदस्य कृष्णेंद्र कौर दीपा को 46 हजार 882 वोट मिले. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हिमांशु कटारा तीसरे नंबर रहे. उनको 38 हजार 136 वोट प्राप्त हुए. वर्ष 1998 के बाद कांग्रेस पार्टी कभी भी दूसरे नंबर पर नहीं आई. नदबई विधानसभा में दो लाख 66 हजार के लगभग मतदाता हैं. 


वर्ष 2023 में राजस्थान विधानसभा का चुनाव होना है. सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से जोर लगा रही हैं. विधानसभा का चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता अबही से गली-गली और गांव-गांव जाकर वोटरों को लुभाने का काम कर रहे हैं. चुनाव नजदीक आते ही कोई करा रहा है भागवत कथा तो कोई करा रहा युवाओं में क्रिकेट प्रतियोगिता.अब देखने वाली बात यह है कि 2023 में कांग्रेस और बीजेपी किसे प्रत्याशी बनाते हैं और कौन मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट डलवा पाता है.


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