Rajasthan Assembly Election 2023: जनसंघ के समय से ही कोटा बीजेपी का गढ़ रहा है, कई बार तो कांग्रेस यहां कई जिलो में खाता तक नहीं खोल पाई है और कई विधानसभा परिसीमन के बाद अब तक बीजेपी के पास है. ऐसे में इस बार कांग्रेस का चुनावी शंखनाद हाड़ौती की धरती से हो रहा है और बीजेपी को उसी के घर में चुनौती दी जा रही है. इस बार कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव मैदान में आ रही है.


जिस कारण आगाज धमाकेदार किया जा रहा है. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को आमंत्रित किया गया है. कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है. इस बार कोटा संभाग में कई दिग्गजों की अग्नि परीक्षा है.

झालावाड़ में बीजेपी मजबूत, बारां में कांग्रेस
जब से कोटा संभाग में परिसीमन किया गया है जब से अब तक कोटा संभाग बीजेपी का गढ़ रहा है. लेकिन इससे पूर्व वर्ष 2018 में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी और बारां से चार में से तीन विधानसभा जीती. वहीं कोटा में 6 विधानसभा में से 3 विधानसभा जीती. जबकि बूंदी जिले की 3 विधानसभा में से एक पर कांग्रेस को जीत मिली. बारां में अंता, किशनगंज और बारां विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है. जबकि एक सीट छबड़ा बीजेपी के पास है. वहीं कोटा जिले में कोटा उत्तर, पीपल्दा और सांगोद कांग्रेस के पास है और यहां से लाडपुरा, रामगंजमंडी और कोटा दक्षिण बीजेपी के पास है. 

वर्ष 2013 में कोटा संभाग से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था
वर्ष 2013 की बात करें तो बारां में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी. वहीं कोटा में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था, यहां भी कांग्रेस वर्ष 2013 में खाता भी नहीं खोल पाई थी. यही हाल झालावाड़ में भी हुआ यहां पर भी कांग्रेस खाता नहीं खोल पाई थी, केवल कांग्रेस को वर्ष 2013 में बूंदी जिले की हिंडोली से जीत मिली थी, कुल 17 विधानसभा में से 16 बीजेपी के पास थी और कांग्रेस के पास केवल एक सीट आई थी.

झालावाड़ में नहीं खुला कांग्रेस का खाता
कोटा संभाग के झालावाड़ जिले में भी चार विधानसभा आती हैं, जो पूरी की पूरी बीजेपी के पास है. झालावाड़ से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ हैं और यहां कांग्रेस को प्रत्याशी तलाशने में भी परेशानी आती है. झालावाड की खानपुर, झालरापाटन, डग और मनोहरथाना विधानसभा पर बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है. झालरापाटन से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विधायक हैं. बूंदी जिले की बात करें तो यहां 3 विधानसभा है जहां केशोरायपाटन और बूंदी विधानसभा से बीजेपी का विधायक हैं ,जबकि हिंडोली विधानसभा कांग्रेस के पास हैं, जहां खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना को जीत मिली.

10 बीजेपी के पास 7 कांग्रेस के पास 
वर्ष 2018 में हुए चुनाव में कोटा संभाग की 17 विधानसभा में से 10 बीजेपी के पास हैं जबकि 7 कांग्रेस के पास हैं. कांग्रेस के पास कोटा में 3, बारां में 3 और बूंदी में 1 विधानसभा हैं, जबकि बीजेपी के पास कोटा में 3, बारां में 1, झालावाड़ में 4 और बूंदी में 2 विधानसभा है.


ये भी पढ़ें: Navratri 2023: 700 साल से ज्यादा पुराना है कोटा में देवी मां का ये मंदिर, 1264 में बूंदी के राजकुमार ने करवाया था निर्माण