Rajasthan Elections 2023: उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनसभा को संबोधित किया. यहां से वह भारतीय जनता पार्टी के जनजाति विशिष्ट जन संवाद कार्यक्रम में पहुंचे जो एक निजी होटल में था. उदयपुर संभाग में 28 विधानसभा सीट हैं जिसमें से अधिकतर जनजातीय क्षेत्र की है, इन्हें साधने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव का उदाहरण दिया और अपील भी की. यही नहीं कांग्रेस पर भी निशाना साधा.


 कार्यक्रम में राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विपक्ष के नेता राजेंद्र सिंह राठौड़, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया, प्रदेश महामंत्री सुशील कटारा, संभाग प्रभारी हेमराज मीणा सहित जनजातीय क्षेत्र से कई लोग उपस्थित थे. 


बीजेपी सरकार ने ही जनजातीय समाज के बारे में सोचा 


अमित शाह ने कार्यक्रम में उपस्थित जनजाति समाज के भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी विधायक प्रधान एवं जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी में जनजाति समाज में अन्य समाज के समकक्ष भागीदारी की है. जनजाति समाज ने देश की उन्नति में अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया और सदैव त्याग तपस्या और बलिदान देकर मुखर रही है. इसका जीता जागता उदाहरण मानगढ़ धाम है, जहां पर जलियांवाला बाग से भी ज्यादा आदिवासी भाइयों का बलिदान हुआ. 


उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक देश की राजनीति की है परंतु जनजाति समाज के कल्याण के लिए कुछ भी नहीं किया. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आने के बाद जनजाति कल्याण के लिए अलग से जनजाति विभाग बनाया, अलग से बजट दिया, मंत्रालय बनाकर जनजाति समाज के कल्याण की योजनाओं को आगे बढ़ाया. जनजाति समाज की अगर किसी ने सुध ली है तो वह भारतीय जनता पार्टी. 


जनता से अमित शाह ने की ये अपील


उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गरीब आदिवासी परिवार की कन्या को राष्ट्रपति भवन पहुंचा कर देश के महामहिम पद पर आसीन किया. जनजाति समाज से कई ऐसे वरिष्ठ राजनेता हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी में कार्य किया और पार्टी ने उनको राज्यपाल पद पर सुशोभित किया. आगे कहा कि वह गुजरात से आते हैं. मेवाड़ में गुजरात की आदिवासी संस्कृति और संस्कार में कोई अंतर नहीं है.


गुजरात में पिछले लगातार चुनाव में आदिवासी जनजाति समाज भारतीय जनता पार्टी को पूरा समर्थन दे रहा है और 70% से ऊपर विधानसभा से जिताने में सहयोग कर रहा है. यहां भी राजस्थान में 2023 में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं. उन्होंने अपील की कि आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कटिबद्ध होकर भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत से सत्ता में लाएं जिससे जनजाति समाज के उत्थान का मार्ग प्रशस्त हो सके.


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