Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सत्ता में वापसी के लिए जबकि कांग्रेस रिपीट सरकार बनाकर रिवाज तोड़ने के लिए कई दिग्गज नेताओं की चुनावी मैदान में उतारा था. इन नेताओं ने जीत हासिल करने के लिए अपने क्षेत्र सहित अन्य जगहों पर खूब मेहनत की. इस चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कई नेताओं का सियासी करियर को एक नई ऊंचाई मिली है. इनमें से कई ऐसे भी हैं, जिनके करियर पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. इन नेताओं में मेवाड़ वागड़ क्षेत्र के भी कई नेता शामिल हैं. 


विधानसभा चुनाव में मेवाड़ वागड़ क्षेत्र की अलग-अलग सीटों से ताल ठोक रहे कई दिग्ज अपनी सीट नहीं बचा पाए. इन प्रत्याशियों में ऐसे भी हैं जो लगातार 2 से 3 चुनाव हार चुके हैं. इस हार के बाद पार्टी में उनके भविष्य को लेकर चर्चा होने लगी है, उनके सियासी करियर पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं कि उन्हें अगली बार मौका मिलेगा या नहीं. इसके अलावा पार्टी में उनके पद को लेकर भी संशय और अनिश्चितता के पैदा हो गई है. आइये जानते हैं वो कौन हैं वो दिग्गज नेता?


पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा : रघुवीर सिंह मीणा का शुमार मेवाड़ के दिग्गज सियासी हस्तियों में होती है. वह उदयपुर जिले की सलूंबर विधानसभा से आते हैं. रघुवीर सिंह मीणा उदयपुर संसदीय सीट से सांसद रह चुके हैं. साल 2023 विधानसभा सहित वह दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. इससे पहले उनकी पत्नी इसी सीट से चुनाव हार चुकी हैं. पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा सीडब्ल्यूसी सदस्य भी थे.


विवेक कटारा : मेवाड़ क्षेत्र में विवेक कटारा की गिनती कांग्रेस पार्टी के युवा नेताओं में होती है, इनकों युवा नेता के नाम से जाना जाता है. इनकी मां और पिता उदयपुर ग्रामीण सीट से विधायक रह चुके हैं. विवेक कटारा उदयपुर ग्रामीण सीट से दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, एक बार इनकी माता सज्जन कटारी भी यहां से हार चुकी है. विधानसभा चुनाव से पहले ऊहापोह और कश्मकश के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें उदयपुर ग्रामीण से टिकट देकर मैदान में उतारा था, लेकिन उदय कटारा को बीजेपी प्रत्याशी फूल सिंह मीना से करारी हार का सामना करना पड़ा. 


पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा :  डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा से जीतकर सुशील कटारा राज्यमंत्री बने थे, लेकिन पिछले दो चुनाव से लगातार हार रहे हैं. इस बार बीजेपी ने उन भरोसा दिखाते हुए दोबार चौरासी विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था. हालांकि उन्हें भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रौत से 69 हजार से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा.


सीपी जोशी : कांग्रेस पार्टी में सीपी जोशी बड़ा नाम और कद्दावर नेता हैं. सीपी जोशी नाथद्वारा सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. इस बार बीजेपी नाथद्वारा सीट से उतारकर उन्हें चित कर दिया. सीपी जोशो को बीजेपी प्रत्याशी विश्वराज सिंह मेवाड़ से हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान सीपी जोशी कह चुके हैं कि ये उनका आखरी चुनाव है. हांलांकि वह लगातार नहीं हारे, लेकिन इस सीट से उन्हें एक से ज्यादा बार हार का सामना करना पड़ा है. 


पूर्व राज्यमंत्री धनसिंह रावत : बीजेपी के धनसिंह रावत बांसवाड़ा सीट से प्रत्याशी थे, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस प्रत्याशी अर्जुन सिंह बामानिया ने धन सिंह रावत को 1400 वोटों से हराया. उनकी ये दूसरी हार है. इससे पहले धन सिंह रावत ने बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़े थे, तब भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.


हीरालाल दरंगी : उदयपुर जिले की झाडोल विधानसभा सीट से हीरालाल दरांगी लगातार दो बार और कुल तीन बार चुनाव हार चुके हैं. कांग्रेस प्रत्याशी हीरालाल दरंगी को इस बार बीजेपी प्रत्याशी बाबूलाल खराड़ी ने 6488 वोटों के अंतर से हराया. हीरालाल दरंगी के बाद उनके सियासी भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगा है. 


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