Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने सोमवार को अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. वहीं कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को अपने कई लोकसभा सदस्यों के टिकट काटने थे, इसलिए बहाना बनाकर उन्हें विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार घोषित कर दिया.
'इस बार टूटेगी परंपरा'कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि राजस्थान की सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ जनता में कोई नाराजगी नहीं है, इसलिए प्रदेश में हर पांच साल पर सरकार बदलने की परंपरा इस बार टूटेगी. गोगोई राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए गठित कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख भी हैं.
बीजेपी ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए अपने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची सोमवार को जारी की, जिसमें सात मौजूदा सांसदों के नाम भी हैं. इनमें से छह लोकसभा के, जबकि एक राज्यसभा का सदस्य है.
इन सांसदों का मिला टिकटबीजेपी ने जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने की घोषणा की है, उनमें लोकसभा सदस्य नरेंद्र कुमार (मंडावा), दिया कुमारी (विद्याधर नगर), राज्यवर्धन राठौड़ (झोटवाड़ा), भागीरथ चौधरी (किशनगढ़), देवजी पटेल (सांचौर) और बालक नाथ (तिजारा) तथा राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा (सवाई माधोपुर) शामिल हैं.
'मुख्यमंत्री के खिलाफ नाराजगी नहीं'बीजेपी की इस सूची के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, "राजस्थान में हर पांच साल पर सरकार बदलने की परंपरा लंबे समय से रही है. राजस्थान में सरकार और मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत) के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं है. इसलिए यह परंपरा इस बार टूटने वाली है."
बहाना ढूंढकर दिया टिकटउन्होंने दावा किया, "राजस्थान में बीजेपी डरी हुई है. बीजेपी ने उन सांसदों को टिकट दिए हैं, जिनके खिलाफ जमीन पर व्यापक माहौल है. वो लोकसभा चुनाव नहीं जीतने वाले थे. बीजेपी को उनका टिकट काटने का बहाना ढूंढना था. बहाना ढूंढकर उनको विधानसभा का टिकट दे दिया गया है."
सीएम गहलोत के सीएम बनने पर दिया ये जवाबयह पूछे जाने पर कि अगर सरकार बदलने की परंपरा टूटती है, तो क्या अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रखा जाएगा, इसपर गोगोई ने कहा, "पार्टी की परंपरा जो होती है, हम उसी के अनुसार काम करेंगे."
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