Rajasthan Election 2023: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद कुछ सीटों पर विरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं. कुछ के सुर दबे हैं तो कुछ खुलकर सामने हैं. सबसे पहला मामला है झोटवाड़ा विधानसभा सीट का जहां से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने अपने ही पार्टी के सांसद और अपनी ही जाति के नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का विरोध शुरू कर दिया है. राजपाल वसुंधरा राजे के सबसे ख़ास हैं. यह सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी मुफीद मानी जाती रही है.


ऐसे में बीजेपी ने यहां पर सर्वे के आधार पर एक मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है. हालांकि, नरपत सिंह राजवी भी विद्याधर नगर सीट पर सांसद दीया के विरोध में है. राजवी इस सीट से कई बार के विधायक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत के दामाद हैं. ये दोनों नेता अब पाला बदल सकते हैं. इसलिए पार्टी की नजर इस पर बनी हुई है. 



यहां भी है विरोध 


वहीं, बस्सी से पूर्व आईएएस अधिकारी सीएम मीणा को प्रत्याशी बनाए जाने से पूर्व विधायक कन्हैयालाल मीणा ने भी नाराजगी जताई है. बानसूर से रोहिताश शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. सांचौर सीट से सांसद देवी जी पटेल को प्रत्याशी बनाए जाने से वहां दानाराम ने विरोध दर्ज कराया है. इतना ही नहीं सुजानगढ़ से पूर्व मंत्री ने संतोष मेघवाल का विरोध किया था लेकिन फिर भी उन्हें टिकट मिल गया है. इन सभी नाराज लोगों को साथ लाने के लिए और उन्हें अपनी तरफ करने के लिए पार्टी ने एक कमेटी बनाई है. जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी कर रहे हैं. 


क्यों कटा टिकट ? 


झोटवाड़ा के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री का क्षेत्र किसानों का है. वहां पर इस बार किसान बेहद नाराज हैं. कालख बाँध में पानी न आने से किसान बेहद नाराज हैं. इतना ही नहीं एक वीडियो राजपाल सिंह शेखावत का वायरल हो रहा है जिसमें वो पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के विरोध की बात कह रहे है. यह इनके टिकट न मिलने की बड़ी वजह बताई जा रही है. वहीं, नरपत सिंह राजवी के परिवार से किसी को किसी न किसी सीट से टिकट पार्टी टिकट देगी. लेकिन राजपाल को पता चल गया है कि इस सीट पर बदलाव नहीं हो सकते हैं. इसलिए वो सबसे अधिक खुलकर मैदान में हैं.