राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों की जोरदार नारेबाजी और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले लगभग आधे घंटे के लिए और बाद में दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी. प्रश्नकाल में खानपुर विधानसभा क्षेत्र से जुड़े एक प्रश्न के जवाब का था. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक प्रश्न पूछने की कोशिश की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इसकी अनुमति नहीं दी.
भड़के कांग्रेस विधायकों ने की नारेबाजी
इस पर कांग्रेस विधायक भड़क गए और उन्होंने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. कांग्रेस विधायक अपनी सीट छोड़कर अध्यक्षीय आसन के पास पहुंच गए और सरकार के खिलाफ विरोध जताने लगे.
हंगामा बढ़ने पर अध्यक्ष ने कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्थगित कर दी. लेकिन सदन दोबारा शुरू होने पर भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और कांग्रेस विधायकों ने हंगामा जारी रखा. ऐसे में अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्तावों पर संक्षिप्त चर्चा के बाद कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी. इससे पहले भी कांग्रेस विधायक सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखा चुके थे. पंचायती राज और स्थानीय निकाय चुनाव में देरी को लेकर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया.
नेता प्रतिपक्ष जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधायक निवास से विधानसभा तक पैदल मार्च निकाला. विधानसभा के प्रवेश द्वार पर पहुंचकर उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
टीकाराम जूली ने सरकार पर लगाए ये आरोप
टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि सरकार पंचायत और निकाय चुनाव कराने से डर रही है क्योंकि जनता भाजपा की नीतियों से नाराज है और हार का डर सता रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव में देरी लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने को भाजपा विधायक दल की बैठक में कांग्रेस पर पलटवार किया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह रवैया जनता को गुमराह करने वाला है. उन्होंने दावा किया कि सरकार समय पर और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने विधायकों से आह्वान किया कि वे विपक्ष के हंगामे का डटकर मुकाबला करें और सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएं.